Bhopal Satpura Bhawan Fire : भीषण आग में सरकारी दस्तावेज जलकर राख, सेना ने संभाली कमान
Bhopal Satpura Bhawan Fire : मप्र सरकार के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विभाग का दफ्तर सोमवार को जलकर पूरी तरह से खाक हो गया। आग की घटना के तत्काल बाद उस पर काबू पाया गया हाेता तो सतपुड़ा भवन के स्वास्थ्य विभाग के तीन फ्लोर पूरी तरह से बच जाते।;
भोपाल। मप्र सरकार के सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विभाग का दफ्तर सोमवार को जलकर पूरी तरह से खाक हो गया। आग की घटना के तत्काल बाद उस पर काबू पाया गया हाेता तो सतपुड़ा भवन के स्वास्थ्य विभाग के तीन फ्लोर पूरी तरह से बच जाते।सबसे पहले आग तीसरी मंजिल पर जनजातीय कार्य विभाग के एक विंग में लगी। यहां आग बुझा ली गई, किंतु अंदर से आग धधकती रही। आग दोबारा धधक कर बारी- बारी से चौथी, पांचवी व छठवीं मंजिल तक पहुंची। अब सतपुड़ा भवन का दाहिने हिस्से का विंग पूरी तरह से जलकर खाक हो गया। इस आग में जनजातीय क्षेत्रीय विकास व स्वास्थ्य विभाग की नस्तियां और उपकरण खाक हो गए। मूलत: यहां स्थापना से संबंधित विभागीय कार्य होता है।
पूरा प्रशासन सकते में
सतपुड़ा भवन में सोमवार दोपहर बाद करीब 4 बजे आग लग गई। उस वक्त दफ्तर चल रहा था। इस आग से 5 से ज्यादा एसी में विस्फोट होने से आग बारी-बारी से चौथी से छठी मंजिल तक पहुंच गई। सबसे ज्यादा नुकसान स्वास्थ्य विभाग को हुआ है। आग इतनी भीषण थी कि उसका धुआं कई किलोमीटर दूर तक दिखाई दे रहा था। आग के भीषण होते ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रक्षा मंत्री राजनाथ िसंह से बात की। रक्षा मंत्री ने तत्काल सैन्य मदद मुहैया करवाई। सीआईएसएफ ने भी मोर्चा संभाल लिया । सीएम शिवराज को पीएम नरेंद्र मोदी ने हरसंभव मदद का भरोसा दिया। सीएम ने इस आग हादसे का पूरा ब्यौरा गृहमंत्री अमित शाह को भी दिया ।
आग भड़कने का सिलसिला जारी था
उधर, आग की इस घटना के बाद पूरा प्रशासन सकते में आ गया। कलेक्टर, कमिश्नर सहित पुलिस के सभी आला अधिकारी भी वहां पहुंच गए। आग लगने का कारण फिलहाल शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। देर रात प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, मंत्री विश्वास सारंग, प्रभुराम चौधरी, कलेक्टर आशीष सिंह व पुिलस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा मौके पर डटे हुए थे। रात को सवा एक बजे तक आग पर काबू पाया जा सका लेकिन थोड़ी थोड़ी देर में आग भड़कने का सिलसिला जारी था।
जनजातीय क्षेत्रीय विकास व स्वास्थ्य विभाग की नस्तियां और उपकरण खाक
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनाई गई 4 सदस्यीय जांच कमेटी
इंदौर से बुलाए एक्सपर्ट
सीएम के निर्देश पर ऊंची इमारतों में आग बुझाने में दो एक्सपर्ट को इंदौर से बुलाया गया, दोनों देर रात मौके पर आग बुझाने में जुटे रहे।
उच्च स्तरीय जांच कमेटी में राजौरा,मंडलोई, सुखवीर व आशुतोष राय शामिल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर सतपुड़ा भवन में लगी आग की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार ने बताया कि आग प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट से शुरू हुई, आग की वजह से एसी का कंप्रेशर भी फट गया और आग फैलती चली गई। उच्च स्तरीय जांच समिति में अपर मुख्य सचिव गृह डा. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग सुखवीर सिंह, एडीजी फायर आशुतोष राय को शामिल किया गया है। समिति जांच के प्रारंभिक कारणों का पता कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी।
स्वास्थ्य कर्मचािरयों का दावा उनकी सेवा पुस्तिकाएं जल गईं
कर्मचारियों ने ‘हरिभूमि’ को बताया कि चौथीं मंजिल से स्वास्थ्य विभाग की कई शाखाएं छठी मंजिल पर शिफ्ट कर दी गईं। लेकिन कर्मचारियों की सेवा पुस्तिकाएं व अन्य सामान वहीं छोड़ दिया गया। पिछले एक माह से कर्मचारी अधिकारियों से कह रहे थे कि उनका रिकॉर्ड भी शिफ्ट करवा दिया जाए, लेकिन यह रिकॉर्ड शिफ्ट नहीं हो सका।
टूटे-फूटे फर्नीचर पड़े थे रास्ते में, फायर फाइटर को खिड़कियों के कांच तोड़ने पड़े
सतपुड़ा भवन में आग लगने की सूचना मिलने पर उसी वक्त सबसे पहले पहुंचे फायर ब्रिगेड कर्मियों के अनुसार आग बुझाने के लिए न तो सीढ़ी खाली मिलीं और न ही कमरे के अंदर जाने का रास्ता था। हर माह फर्नीचर बुलाया जा रहा है, जिससे कबाड़ हो रहा सामान बीच रास्ते में रख दिया गया। आग भड़कने का सबसे बड़ा कारण यही रहा कि आग बुझाने का रास्ता नहीं मिला। खिड़कियों के कांच तोड़ने पड़े। इसके बाद भी पानी पहुंच नहीं पा रहा था। क्योंकि टूटा-फूटा फर्नीचर खिड़कियों के पास इकट्ठा किया गया था।
इससे पहले भी लग चुकी हैं भीषण आग
इसी भवन में 25 जून 2012 को
भी तीसरे माले पर आग लगी थी। विंध्याचल भवन में 28 नवंबर 2013 की देर रात दूसरे माले पर स्थित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग विकास आयुक्त कार्यालय में भीषण आग लगी। आग स्थापना शाखा में लगी थी और दफ्तर के 40 कमरों में आग फैल गई थी। जिनमें से दो दर्जन कमरे पूरी तरह आग की चपेट में आ गए थे। उनमें बजट शाखाएं, स्थापना शाखा और विकास शाखा तो पूरी तरह जलकर राख हो गई थी। विंध्याचल के पांचवे फ्लोर में आग लगने की दूसरी घटना 5 अक्टूबर 2015 को कृषि संचालनालय में हुई थी।
इसके बाद अब आग लगी
आगजनी में कृषि संचालनालय की बीज शाखा में रखीं विधानसभा के सवाल जवाबों संबंधी फाइलें जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया था। तब पूर्व कृषि संचालक डॉ. डीएन शर्मा के खिलाफ जांच संबंधी दस्तावेज भी आग में खाक हो गए थे। सतपुड़ा भवन में आग लगने की एक घटना 14 दिसंबर 2018 को हुई थी। सतपुड़ा भवन की इस आग में कई गोपनीय दस्तावेज भी जलकर खाक हो गए थे। इसके बाद अब आग लगी।
पीएम को दी आग बुझाने के प्रयासों की जानकारी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर सतपुड़ा भवन में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री को आग बुझाने के राज्य सरकार के प्रयासों और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों- आर्मी, एयरफोर्स, भेल, सीआईएएसएफ, एयरपोर्ट एवं अन्य से मिली मदद से भी अवगत कराया। प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री को केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। कार्यालय की नस्तियां और उपकरण सब नष्ट: जनजातीय क्षेत्रीय विकास कार्यालय, सतपुड़ा भवन में लगी आग में कार्यालय की नस्तियां और उपकरण आदि सब नष्ट हो गए हैं। इस कार्यालय का अधिकांश कार्य ऑनलाइन होता है, अतः कार्य प्रभावित नहीं होगा। कार्यालय में कोई विशेष सेंसटिव दस्तावेज संधारित नहीं होते। ये सब शासन में रहते हैं। स्थापना के दस्तावेज़ आयुक्त कार्यालय में रहते हैं, जिसका विंग पृथक है।