सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: ओबीसी आरक्षण के बिना राज्य चुनाव आयोग कराए मप्र में पंचायत चुनाव, दो हफ्ते में जारी करे अधिसूचना
मध्यप्रदेश पंचायत चुनावों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुना दिया। इससे ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले राजनीतिक दलों खासकर प्रदेश सरकार को झटका लगा है। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह मप्र पंचायतों के चुनाव शीघ्र कराए। इसके लिए दो हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि शर्ते पूरी किए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसलिए पंचायत चुनाव में सिर्फ एससी और एसटी आरक्षण ही लागू होगा।;
भोपाल। मध्यप्रदेश पंचायत चुनावों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुना दिया। इससे ओबीसी आरक्षण की मांग करने वाले राजनीतिक दलों खासकर प्रदेश सरकार को झटका लगा है। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह मप्र पंचायतों के चुनाव शीघ्र कराए। इसके लिए दो हफ्ते के अंदर अधिसूचना जारी करने के निर्देश भी दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा है कि शर्ते पूरी किए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसलिए पंचायत चुनाव में सिर्फ एससी और एसटी आरक्षण ही लागू होगा।
आरक्षण को लेकर आमने-सामने थे भाजपा-कांग्रेस
ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने थे। कोर्ट की फटकार के बाद आनन फानन में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट जारी कर सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी। सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा था कि प्रदेश में ओबीसी की आबादी 48 फीसदी है इसलिए ओबीसी काे 27 नहीं 35 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए लेकिन कोर्ट ने सरकार की दलील नहीं मानी। दूसरी तरफ कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का आदेश ही निकाल दिया था। दोनों दल एक दूसरे पर ओबीसी आरक्षण का विरोधी होने का आरोप लगा रहे थे। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब मप्र में ओबीसी के आरक्षण के बिना ही पंचायत चुनाव होंगे।