SHEOPUR NEWS: फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र मामले में हुआ बड़ा खुलासा, DEO ने 7 शिक्षकों को किया बर्खास्त, कार्रवाई जारी

Update: 2023-08-10 12:55 GMT

श्योपुर : मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा और दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जीवाड़ा जैसे बड़े स्कैम के सामने आने के बाद से सरकार सख्त हो गई है। लगातार एक के बाद एक मामले सामने आने के बाद सरकार द्वारा कार्रवाई के लिए जांच कमिटी का गठन किया गया है। जो इन दिनों लगातार रिश्वतखोरों और आरोपियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के श्योपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने सात शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इन सभी शिक्षकों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी हासिल की थी। शिकायत मिलने पर जांच के बाद यह कार्रवाई की गई है। 

इन पर हुई कार्रवाई

बता दें कि जिन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है उनमें से छह शिक्षक मुरैना जिले के रहने वाले हैं, जबकि 1 शिक्षक श्योपुर जिले के विजयपुर का ही रहने वाला है। जिनके नाम हैं आरती बंसल निवासी सबलगढ़, सतीश रावत निवासी गोंद लिहार जवरोल सबलगढ़, बलिराम शर्मा निवासी झुंडपुरा, श्रीराम प्रजापति निवासी मांगरोल सबलगढ़, फरन सिंह निवासी तूड़ीला जिला मुरैना, अरविंद रावत बरोठा और देवेंद्र सिंह रावत निवासी भैंसाई विजयपुर शामिल हैं। जिन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद से चारों तरफ हड़कंप मचा हुआ है ।

जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह तोमर ने की कार्रवाई

इस मामाले में जानकारी देते हुऐ जिला शिक्षा अधिकारी रविंद्र सिंह तोमर ने बताया कि पिछले महीने हुई संविदा शिक्षक भर्ती में मुरैना जिले के कई युवाओं ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी हासिल की है, हमारे यहां भी कई शिक्षक पदस्थ हुए हैं। जिनके संबंध में जांच के निर्देश प्राप्त होने पर जब उनके प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई तो 7 के दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। साथ ही अन्य शिक्षकों की भी जांच जारी है।

 दिव्यांगों का होगा दोबारा मेडिकल परीक्षण

मध्यप्रदेश में दिव्यांग प्रमाणपत्र के नाम पर फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद अब प्रशासन एक्टिव हो गया है। जिसको लेकर हाल ही में एक नया नियम बनाया गया है। जिसके तहत अब जिन लोगों ने भी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाई है उनकी दोबारा जांच की जाएगी और जो इस जांच में फैल होगा उसके ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि हाल ही में मुरैना जिले में 77 लोगों पर दिव्यांग फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर नौकरी पाने का आरोप सिद्ध हुआ है। जिसके तहत उनके ऊपर एफआइआर दर्ज की गई है।

ढाई सौ से अधिक बनाए गए फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र 

दरअसल, हाल ही में कर्मचारी चयन मंडल ने प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन करवाई थी। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में 1000 से अधिक दिव्यांग पदों पर 700 से ज्यादा दिव्यांगों ने फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी हासिल की थी। खास बात यह रही कि अकेले मुरैना जिले से ही ढाई सौ से अधिक फर्जी दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाए गए है ।

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