बड़ी खबर : MP में घटिया PPE Kit की सप्लाई? MD बोले- क्वालिटी तो अच्छी है

पीपीई किट पहनने के बाद भी कोरोना संक्रमण हो रहे हैं मेडिकल स्टॉफ, पांच दिन के भीतर दो डॉक्टर और एक नर्स संक्रमित। पढ़िए खबर विस्तार से -;

Update: 2020-06-25 16:19 GMT

भोपाल। पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई) किट पहनने के बाद भी हमीदिया अस्पताल के कोरोना वार्ड में डॉक्टर-नर्स संक्रमित हो रहे हैं। हमीदिया अस्पताल में पांच दिन के भीतर दो डॉक्टर और एक नर्स संक्रमित हो गए।

जेपी अस्पताल की भी एक नर्स संक्रमित हो चुकी है। इन्हें आशंका है कि किट की क्वालिटी अच्छी नहीं होने की वजह से वह संक्रमित हो रहे हैं। हमीदिया अस्पताल में तो पन्नी वाली घटिया पीपीई किट पहनने से एक दर्जन से ज्यादा मेडिकल स्टॉफ चक्कर खाकर बेहोश हो गए थे। इसके बाद भी अब तक उन्हें अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट नहीं दी गई।

पीपीई किट को बनाने के बाद इसे संक्रमणमुक्त (स्टेराइल) करना चाहिए। इसका मकसद यह है कि किट बनाते समय किट किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई हो तो वह संक्रमणमुक्त हो जाएं। कंपनी से किट संक्रमणमुक्त नहीं आती तो इसके ऑटोक्लेव में स्टरलाइज किया जाना चाहिए, पर ऐसा नहीं हो रहा है।

प्रांतीय नर्सिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष धनराज नागर इस मामले में कहते हैं, इंफेक्शन के खतरे से बचने के लिए कोरोना वार्ड में एंट्री लेने के पहले हॉस्पिटल स्टाफ को पीपीई ड्रेस पहनना अनिवार्य होता है। लंबे वक्त तक ये ड्रेस पहनने से कई लोगों को हाईपरटेंशन, बीपी, डिहाईड्रेशन, चक्कर आना, जी मिचलाना और सांस लेने में दिक्कत की समस्या आती हैं। काम के बीच में ये ड्रेस उतार नहीं सकते। इसे पहनकर ना तो कुछ खा सकते हैं ना ही कुछ पी सकते हैं।

मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन के एमडी डॉ जे विजय कुमार का इस मामले में अपना अलग ही तर्क है। वे कहते हैं कि भारत सरकार से हर दिन लगभग 30 हजार किट प्रदेश को मिल रही हैं। यह किट अच्छी क्वालिटी की हैं। सिट्रा से सर्टिफाइड हैं। इनकी नियमित तौर पर जांच भी होती है। खराब किट की अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। 

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