उज्जैन में बहुमत होने के बाद भी हार गई भाजपा, मंत्री मोहन यादव की रणनीति हुई फेल, जानिए कैसे पलट गया पांसा

उज्जैन नगर निगम महापौर के चुनाव में मामूली अंतर से जीती भाजपा जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव में पराजित हो गया और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी जीत गए। यहां 25 में से 13 सदस्य भाजपा के पक्ष में थे लेकिन मंत्री मोहन यादव और भाजपा नेताओं की 4 वोट प्रॉक्सी डलवाने की नीति फेल हो गई। कांग्रेस के विरोध के बाद निर्वाचन अधिकारी ने चारों प्रॉक्सी वोट नही डलने दिए। कुल 21 सदस्यों ने मतदान किया, जिसमें से 12 वोट कांग्रेस और 9 वोट भाजपा को मिले। परिणाम घोषित होते ही भाजपा ने हंगामा मचा दिया और बेरिकेड तोड़कर जनपद कार्यालय में घुस गए। मंत्री मोहन यादव ने एडीएम और चुनाव अधिकारी को आग लगाने की धमकी देते हुए धरना दे दिया, देर तक चले हंगामे के बाद भी परिणाम नही बदले और अध्यक्ष के साथ ही उपाध्यक्ष भी कांग्रेस का बन गया ।;

Update: 2022-07-28 06:18 GMT

भोपाल। उज्जैन नगर निगम महापौर के चुनाव में मामूली अंतर से जीती भाजपा जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव में पराजित हो गया और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी जीत गए। यहां 25 में से 13 सदस्य भाजपा के पक्ष में थे लेकिन मंत्री मोहन यादव और भाजपा नेताओं की 4 वोट प्रॉक्सी डलवाने की नीति फेल हो गई। कांग्रेस के विरोध के बाद निर्वाचन अधिकारी ने चारों प्रॉक्सी वोट नही डलने दिए। कुल 21 सदस्यों ने मतदान किया, जिसमें से 12 वोट कांग्रेस और 9 वोट भाजपा को मिले। परिणाम घोषित होते ही भाजपा ने हंगामा मचा दिया और बेरिकेड तोड़कर जनपद कार्यालय में घुस गए। मंत्री मोहन यादव ने एडीएम और चुनाव अधिकारी को आग लगाने की धमकी देते हुए धरना दे दिया, देर तक चले हंगामे के बाद भी परिणाम नही बदले और अध्यक्ष के साथ ही उपाध्यक्ष भी कांग्रेस का बन गया ।

ऐसे फेल हुई भाजपा की रणनीति

भाजपा की रणनीति के अनुसार यदि 4 प्रॉक्सी वोट डल जाते तो जनपद पर भाजपा का कब्जा हो जाता। मंत्री यादव यदि भाजपा समर्थित सदस्यों को सीधे मतदान करने भेज देते तो भी शायद भाजपा का अध्यक्ष बन जाता लेकिन क्रास वोटिंग के डर से मंत्री ने तीन सदस्यों की कोरोना रिपोर्ट व एक सदस्य की आंख में तकलीफ बताकर उनके स्थान पर प्रॉक्सी वोट के लिए रवि वर्मा और अन्य नेताओं को भेजा था।कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति लेते हुए इन्हें वोट नही डालने दिया। नियमानुसार यदि किसी प्रत्याशी को असाक्षरों होने, बीमार होने, दृष्टिहीन होने पर उनका पति/पत्नी/बेटा प्रॉक्सी वोटिंग कर सकता है लेकिन भाजपा ने यहां चुने हुए सदस्यों को मतदान करने न भेजते हुए अन्य नेताओं को वोट डालने भेज दिया। इन्हें मतदान नही करने दिया गया। खास बात यह है कि यह चारो सदस्य मतदान करने में सक्षम थे और लालायित भी थे लेकिन इन्हें दशहरा मैदान स्थित एक बंगले पर नजरबंद कर लिया गया था जिसके कारण ये वोट नही डाल सके। वोट नही डाल पाने वाले एक सदस्य कमलसिंह (नरवर) ने भाजपा नेताओं पर जमकर अपनी भड़ास निकाली और स्वयं वोट नही डाल पाने पर दुख जताया। इसी प्रकार राजेश पटेल, अनिता आशीष पण्ड्या, शर्मिला जगदीश गंगेड़ी, संजय दंडिया जमूरा भी अपना मत नही डाल सके। इनके प्रॉक्सी वोट डालने गए नेताओ को अमान्य करार कर दिया गया ।

दमदमा हाऊस में मना जश्न

उज्जैन जनपद में कांग्रेस का परचम लहराने वाले राजेन्द्र वशिष्ठ के दमदमा स्थित निवास पर जीत का जश्न धूमधाम से मनाया गया, अध्यक्ष देवेंद्र सिंह और उपाध्यक्ष नासिर पटेल सहित सभी जनपद सदस्यों ने यहां एक दूसरे को मिठाई खिलाई और गले लगकर बधाइयाँ दी। जनपद से लेकर दमदमा हॉउस तक ढोल ताशों के साथ जुलूस भी निकला। यहां वरिष्ठ नेता महावीर प्रसाद वशिष्ठ ने सभी को बधाई दी और राजेंद्र वशिष्ठ की पीठ थपथपाई। जनपद उज्जैन में कांग्रेस की जीत की पूरी पटकथा यहीं से रची गई थी। सुबह तक 13 सदस्य बंगले पर ही रुके हुए थे। देर रात एक सदस्य के जाने के बाद कांग्रेस की चिंता बढ़ गई थी लेकिन सुबह जिस तरह से मंत्री मोहन यादव ने प्रॉक्सी वोटो की पटकथा रची उससे कांग्रेस को फायदा मिल गया। 

एक तरफ जश्न, दूसरी तरफ आक्रोश ..

जनपद पंचायत चुनाव के दौरान बीच मे मतदान केंद्र और दोनों तरफ भाजपा कांग्रेस के नेता थे, जो लगातार एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। जीत की घोषणा होते ही कांग्रेसी खुशियां मनाते हुए नाचने लगे तो भाजपाई आक्रोशित होकर बेरिकेट्स पर गुस्सा निकालने लगे। जमकर हुई नारेबाज़ी, हंगामे, झूमाझटकी, हॉट टाक के बीच गरमा गरम माहौल में चुनाव संपन्न हुए। जैसे जैसे कांग्रेसी ढोल ताशे बजाकर पटाखे जलाते, वैसे वैसे भाजपा कार्यकर्ता गुस्सा होकर बेरिकेट्स पर चढ़ जाते। मंत्री यादव के आने के बाद तो सभी जनपद के बाहर लगे बेरिकेट्स तोड़कर अंदर घुस गए, वहीं अंदर पूर्व से मौजूद रवि वर्मा ने कार्यालय की कुर्सियां पलटना शुरू कर दिया। कांग्रेस के चेहरों पर जीत की खुशी और भाजपा के चेहरों पर हार की खीज साफ नजर आ रही थी, देर रात तक चले धरना प्रदर्शन और उपद्रव के बाद आखिर जीत कांग्रेस की हुई ।

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