BMHRC : खड़े होते ही कांपने लगते थे पैर, जांच में सामने आई दुनिया की सबसे दुर्लभ बीमारी

66 साल के बुजुर्ग चलने में असमर्थ थे। जैसे ही वह खड़े होते तो उनके पैर कांपने लगते थे। तमाम जगह इलाज के बाद जब दिक्कत दूर नहीं हुई तो वे बीएमएचआरसी आए।;

Update: 2023-09-24 03:47 GMT

भोपाल। 66 साल के बुजुर्ग चलने में असमर्थ थे। जैसे ही वह खड़े होते तो उनके पैर कांपने लगते थे। तमाम जगह इलाज के बाद जब दिक्कत दूर नहीं हुई तो वे बीएमएचआरसी आए। यहां न्यूरोलॉजी विभाग में जांच के बाद डॉक्टर भी हैरत में पड़ गए। दरअसल, मरीज में दुनिया की सबसे दुर्लभ माने जाने वाली बीमारियों में से एक आर्थोस्टेटिक ट्रेमर सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दिए।

अब मरीज पहले से ठीक है

बीएमएचआरसी के न्यूरोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. चंद्रेशखर रावत ने बताया कि 66 वर्षीय गैस पीड़ित मरीज उठकर खड़े होने व चलने में दिक्कत होने की शिकायत के साथ न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में आए थे। वह बिना किसी सहारे के खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। मरीज की पैरों की सरफेस ईएमजी जांच की गई। इस जांच में मसल्स एक्टिविटी को रिकॉर्ड करके उनकी कार्यक्षमता का आंकलन किया जाता है। उनके पैरों में हाई फ्रिक्वेंसी रिकॉर्ड किए गए जो कि बहुत वीक थी। इस स्थिति को आर्थोस्टेटिक ट्रेमर सिंड्रोम कहा जाता है। इस बीमारी की खास बात यह है कि इसमें मरीज को खड़े होने पर पैरों में कंपन महसूस होता है, साथ ही दिखाई नहीं देता। जांच के बाद मरीज का इलाज शुरू किया गया, अब मरीज पहले से ठीक है। बिना सहारे के चलने लगा है। उन्होंने बताया कि यह प्रदेश में संभवत: पहला मामला है। मेडिकल जर्नल में मप्र में इसका कोई मामले का उल्लेख नहीं मिला है।

कोई भी रिपोर्ट मेडिकल जर्नल में नहीं

डॉ रावत ने बताया कि एक अंतर्राष्ट्रीय जर्नल में 2016 में प्रकाशित एक शोध के अनुसार यूनाइटेड किंगडम में पांच वर्षों के दौरान इस बीमारी के सिर्फ 68 मामले सामने आए थे। भारत या मध्य प्रदेश में इस बीमारी से कितने मरीज पीड़ित हैं, इससे संबंधित कोई भी रिपोर्ट अब तक किसी भी प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नहीं हुई है। बीएमएचआरसी निदेशक मनीषा श्रीवास्तव ने मूवमेंट डिसआॅर्डर के अंतर्गत आने वाले अन्य मरीज जैसे पार्किंसन बीमारी, डिस्टोनिया, हाथ, पैरों में कंपन जैसे अन्य मरीजों का भी न्यूरोलॉजी विभाग में सफल इलाज किया जा रहा है।

मुश्किल है इस बीमारी की पहचान

जानकारी के मुताबिक इस बीमारी की पहचान करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि इसके कोई सामान्य लक्षण नहीं होते। ऐसे में मरीज की परेशानी को ध्यान से सुनना होता है, जिसे हिस्ट्री ट्रैकिंग कहते हैं। मरीज की जांच इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी सरफेस ईएमजी की जाती है। इस जांच की सुविधा बीएमएचआरसी में उपलब्ध है।

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