Brain Stroke : गर्मी से बढ़े ब्रेन स्ट्रोक के केस, युवा हो रहे सेरेब्रल वेनस थ्रोम्बोसिस के शिकार

ठंड में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ते हैं। मगर पिछले 10 दिनों से गर्मी के बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी बढ़े हैं। पिछले दो दिन अलग-अलग अस्पतालों में 18 से 20 मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज आए हैं। डॉक्टरों के अनुसार गर्मी के कारण आने वाले ब्रेन स्ट्रोक को सेरेब्रेल वेनस थ्रोम्बोसिस (सीवीटी) कहते हैं।;

Update: 2023-06-17 04:58 GMT

भोपाल। ठंड में ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़ते हैं। मगर पिछले 10 दिनों से गर्मी के बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक के मामले भी बढ़े हैं। पिछले दो दिन अलग-अलग अस्पतालों में 18 से 20 मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीज आए हैं। डॉक्टरों के अनुसार गर्मी के कारण आने वाले ब्रेन स्ट्रोक को सेरेब्रेल वेनस थ्रोम्बोसिस (सीवीटी) कहते हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि इसका संपूर्ण इलाज संभव है। साथ ही यह सर्दियों में आने वाले स्ट्रोक से कम घातक भी है। हमीदिया अस्पताल हर दिन चार से पांच मरीज सीवीटी के लक्षण के साथ आ रहे हैं। इनकी जांच में ब्रेन स्ट्रोक की बात की पुष्टि होती है। इन मरीजों के सिर में तेज दर्द, चक्कर आना, उल्टियां, झटके पड़ना समेत अन्य लक्षण देखे जा रहे हैं। खास बात यह है कि इसमें ज्यदातर वे लोग हैं जो मजदूरी व अन्य श्रमिक कार्य अधिक करते हैं।

सिर में तेज दर्द, चक्कर आना, उल्टियां, झटके पड़ना हैं लक्षण

10 दिन में आए 18 से 20 मरीज

ऐसे करेें बचाव

तेज धूप से बचें

नियमित तरल पदार्थ लें

सिर दर्द को नजरअंदाज न करें

सिर को ढक कर बाहर निकलें

हमीदिया अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के साहयक प्राध्यापक डॉ. आयुष दुबे ने बताया कि ठंड के दौरान जो ब्रेन स्ट्रोक आता है, उसके ब्रेन इंफ्राक्ट कहते हैं। यह दिल से खून को दिमाग तक ले जाने वाली धमनियों को प्रभावित करता है। यह मरीज के लिए घातक होता है। वहीं गर्मी के मौसम में आने वाले ब्रेन स्ट्रोक को सीवीटी कहते हैं। यह दिमाग से दिल तक खून पहुंचाने वाली नसों में थक्का जमने से होता है। इसके ज्यादातर मरीज युवा व धूप में काम करने वाले होते हैं।

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