Cabinet Meeting Bhopal : एससी-एसटी के उद्यमियों को शिवराज सरकार ने एक और बड़ी रियायत देने का निर्णय लिया

एससी-एसटी के उद्यमियों को शिवराज सरकार ने एक और बड़ी रियायत देने का निर्णय लिया मप्र में एससी-एसटी के उद्यमियों को सरकार ने एक और बड़ी रियायत देने का निर्णय लिया है। अब स्टार्ट अप शुरू करने वाले इस वर्ग के उद्यमियों को सरकार अधिकतम 72 लाख रुपए तक का अनुदान मिल सकेगा।;

Update: 2023-05-31 02:09 GMT

Cabinet Meeting Bhopal: एससी-एसटी के उद्यमियों को शिवराज सरकार ने एक और बड़ी रियायत देने का निर्णय लिया मप्र में एससी-एसटी के उद्यमियों को सरकार ने एक और बड़ी रियायत देने का निर्णय लिया है। अब स्टार्ट अप शुरू करने वाले इस वर्ग के उद्यमियों को सरकार अधिकतम 72 लाख रुपए तक का अनुदान मिल सकेगा। कैबिनेट ने मप्र स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2022 में संशोधन किया है। इसके तहत उक्त राशि मिलेगी। हालांकि, यह शर्त भी रखी गई है कि ऐसे स्टार्टअप के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के उद्यमी की ओर से प्रवर्तित स्टार्ट-अप में उनकी भागीदारी 51 प्रतिशत होनी चाहिए। कैबिनेट की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की। उन्होंने कहा कि अभी तक 15 फीसदी का अनुदान सामान्य वर्ग को मिलता था। जबकि, महिलाओं को उक्त में से अतिरिक्त 20 फीसदी अधिक का अनुदान मिलता था।

अब राज्य सरकार अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के उद्यमियों को भी महिलाओं के बराबर अनुदान देगी। इससे एससी-एसटी वर्ग के उद्यमियों को काफी सहूलितें हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार एससी-एसटी वर्ग के लोगों के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है। अब यह रियायत इस वर्ग के उद्यमियों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट में हुए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मप्र स्टार्ट-अप नीति एवं कार्यान्वयन योजना-2022 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इससे महिलाओं के समान एससी एसटी वर्ग के उद्यमियों को भी सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसमें उक्त वर्ग के उद्यमियों की ओर से स्थापित स्टार्ट-अप को प्राप्त फंडिंग, निवेश पर कुल 18 प्रतिशत अधिकतम 18 लाख रुपए की सहायता एवं चार चरण में अधिकतम 72 लाख रुपए की सीमा में अनुदान दी जाएगी। इसमें एक शर्त यह भी रखी गई है कि एससी एसटी के उद्यमी का प्रवर्तित स्टार्ट-अप में भागीदारी 51 प्रतिशत से कम नहीं होनी चाहिए।

नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्राधिकृत किया

जेनको को आधुनिकीकरण के लिए 85 करोड़ 35 लाख रुपए का अनुमोदन: वर्ष 2012 में राष्ट्रीय ग्रिड में खराबी आने के बाद केंद्र सरकार ने ट्रांसमिशन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए स्थापित पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड से मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के विद्युत गृहों में स्थित 400, 220 केची सब स्टेशनों में विभिन्न कार्य जिनकी कुल लागत 85 करोड़ 35 लाख रुपए है, का अनुमोदन किया गया है। इस कार्य के लिए राज्य कैबिनेट ने शासन की ओर से 6 करोड़ 54 लाख रुपए की अंशपूंजी के रूप में, पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड से 58 करोड़ 86 लाख रुपए अनुदान के रूप में तथा मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी की ओर से 19 करोड़ 95 लाख रुपए उपलब्ध कराए जाने का अनुमोदन किया। इसी तरह नर्मदा घाटी विकास विभाग के 6 हजार 474 अस्थाई पदों की 31 मार्च 2026 तक के लिए निरंतरता का अनुमोदन करते हुए नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्राधिकृत किया है।

दमोह में नवीन मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों की बढ़ोतरी

स्थापित किए जाने के लिए परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा के अनुसार निर्माण कार्यों के लिए 266 करोड़ 71 लाख रुपए की मंजूरी दी है। इससे दमोह, टीकमगढ़ तथा पन्ना क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के अनुसार दमोह के मध्य में स्थित होने तथा इन तीनों क्षेत्रों से अन्य मेडिकल कॉलेजों की दूरी लगभग 100 किमी से अधिक होने के कारण इस निर्णय से दमोह तथा समीपस्थ जिलों की जनता को तृतीयक स्तर की मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी। साथ ही प्रदेश के छात्रों के लिए चिकित्सा क्षेत्र की 100 एमबीबीएस सीट्स की भी बढ़ोतरी हो सकेगी।

वन्य जीवों के हमले में मौत पर अब 8 लाख मुआवजा

कैबिनेट ने जनहित से जुड़े मुद्दों में वन्य जीवों के हमले में मौत पर क्षतिपूर्ति की राशि 4 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए करने को मंजूरी दी है। कैबिनेट ने वन्य-प्राणियों के हमले में घायल होने पर नियमानुसार या फिर मौत होने तथा पशुहानि पर दी  जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि 4 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए करने के वन विभाग के आदेश का कार्योत्तर अनुमोदन भी किया। मुख्यमंत्री ने भी कुछ समय पहले यह घोषणा की थी। कैबिनेट से अनुमोदन के बाद क्षतिपूर्ति राशि मिलने लगेगी।

साहित्यकारों एवं कलाकारों को अब 25 हजार से एक लाख रुपए तक मिलेगी सहायता

कैबिनेट ने प्रदेश के जरूरतमंद साहित्यकारों एवं कलाकारों की लंबी तथा गंभीर बीमारी, दुर्घटना, दैवीय विपत्ति एवं मृत्यु हो जाने की स्थिति में आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए संस्कृति विभाग में संचालित योजना कलाकार कल्याण कोष को संशोधित करने को मंजूरी दी है। इसके तहत नवीन मप्र कलाकार कल्याण कोष नियम-2023 जारी करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। पहले की योजना में प्रदेश के जरूरतमंद साहित्यकारों एवं कलाकारों को गंभीर बीमारी, दुर्घटना, दैवीय विपत्ति एवं मृत्यु हो जाने की स्थिति में 500 से 5 हजार रुपए तक की सहायता देने का ही प्रावधान था। अब उसे बढ़ा दिया गया है। नवीन योजना में गठित सक्षम समिति की सिफारिश पर मंजूर की जाने वाली राशि न्यूनतम 25 हजार से लेकर अधिकतम एक लाख रुपए तक की गई है।

इसमें कलाकार, साहित्यकार की मृत्यु की स्थिति में उनके उत्तराधिकारी को एकमुश्त अधिकतम एक लाख तथा चिकित्सा उपचार के लिए अधिकतम 50 हजार रुपए दिए जा सकेंगे। शारीरिक रूप से दिव्यांग कलाकार, साहित्यकार को दिव्यांगता के उपचार के लिए अधिकतम एक लाख रुपए दिए जा सकेंगे। परिवार के सदस्यों में साहित्यकार, कलाकार की आश्रित पत्नी-पति, आश्रित माता-पिता, आश्रित नाबालिग भाई-बहन, आश्रित नाबालिग संतान एवं आश्रित विधवा पुत्री के साथ आश्रित दिव्यांग भाई- बहन को भी आश्रितों में सम्मिलित किया जाएगा।

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