Mp Election2023: कर्मचारी संगठनों से मिले BJP के केंद्रीय नेता:पुरानी पेंशन पर कर्मचारियों की नाराजगी ने बढ़ाई चिंता

इसमें नेशनल पेंशन स्कीम को बेहतर बताते हुए कर्मचारियों के सुझावों को शामिल कराने का आश्वासन दिया जा रहा है। शुक्रवार को इसको लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की बैठक में कर्मचारी संगठनों को समझाइश देने का काम किया गया। बीजेपी ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों और उनके परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के प्रति अत्यंत संवेदनशील है।;

Update: 2023-11-11 05:13 GMT

Mp Election2023: भोपाल। पुरानी पेंशन को लेकर नाराज कर्मचारियों ने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है। जिलों से मिल रहे फीडबैक के बाद अब बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की टीम कर्मचारी संगठनों के साथ मुलाकात कर रही है। इसमें नेशनल पेंशन स्कीम को बेहतर बताते हुए कर्मचारियों के सुझावों को शामिल कराने का आश्वासन दिया जा रहा है। शुक्रवार को इसको लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेताओं की बैठक में कर्मचारी संगठनों को समझाइश देने का काम किया गया। बीजेपी ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा है कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों और उनके परिवारों की सामाजिक सुरक्षा के प्रति अत्यंत संवेदनशील है।

इन्हें बताया गया कि केंद्र शासन द्वारा शासकीय सेवकों के लिए वर्तमान में लागू नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के प्रावधानों को अधिक व्यावहारिक और कर्मचारियों के लिए अधिक लाभप्रद बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में अप्रैल 2023 में कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी समस्त हितधारकों से चर्चा कर उनसे सुझाव प्राप्त करने के उपरांत नेशनल पेंशन सिस्टम में संशोधन संबंधी अपने सुझाव देगी। केन्द्रीय कार्मिक मंत्रालय के सचिव, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्त सचिव और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन समिति के सदस्य हैं।

कर्मचारी संगठनों के साथ हुई 20 बैठकें

कर्मचारी संगठनों के नेताओं को बताया गया कि यह समिति राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर संचालित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों, विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों के वित्त विभाग के प्रतिनिधियों से संवाद कर रही है। समिति ने एनपीएस संबंधी बिंदुओं पर कर्मचारी संगठनों के सुझाव प्राप्त किए हैं। समिति विभिन्न कर्मचारी संगठनों के साथ 20 से अधिक बैठकें कर चुकी हैं। इसके साथ ही समिति ने विभिन्न राज्य सरकारों के आय के स्त्रोतों, उन सरकारों के व्यय तथा इसके परिप्रेक्ष्य में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर पाने की संभावनाओं का आंकलन भी किया है।

OPS की घोषणा करने वाले राज्यों में नहीं हुई कार्रवाई

मुलाकात के दौरान बीजेपी नेताओं ने संगठनों के नेताओं से यह भी कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही है परंतु वे इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाए हैं। भारतीय शासन व्यवस्था में आय-व्यय के स्रोतों का निर्धारण मुख्य रूप से केन्द्र शासन द्वारा किया जाता है। कोई भी राज्य सरकार बिना केन्द्र शासन की सहमति और सहयोग के ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी महती योजना का क्रियान्वयन अपने स्वंय के स्रोतों से कर पाने में समर्थ नहीं है।

परिवारों को सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा देने का वादा

इन नेताओं ने यह कहकर भी आश्वस्त किया है कि भारत सरकार सभी के हितों की रक्षा करते हुए नेशनल पेंशन सिस्टम को अधिक बेहतर बनाने के लिए आवश्यक संशोधन की दिशा में प्रयासरत है। केन्द्र शासन और संगठन का यह प्रयास है कि शासकीय सेवकों को अधिक से अधिक पेंशन के लाभ सुनिश्चित हों और उनके परिवारों को संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो तथा वे सेवानिवृत्ति के बाद निश्चिंत और सुखद जीवन व्यतीत करें। केंद्र सरकार द्वारा गठित हाई पावर समिति के सुझाव प्राप्त होते ही इनका क्रियान्वयन किया जाएगा।

इसलिए नाराज हैं कर्मचारी

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को पांच साल में जो करना था, वह कर्मचारियों अधिकारियों के हित में नहीं किया। कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगों में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग शामिल है।

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