100 करोड़ की लागत से स्थापित होगा मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष : शिवराज सिंह
सांसद नड्डा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में मप्र अग्रणी है। पहले ठेकेदारों के माध्यम से पोषण आहार बनता था। अब महिला स्व-सहायता समूह यह कार्य करेंगी। यह महिला सशक्तिकरण को नई दृष्टि एवं दिशा देगा। महिलाएं यहां प्रतिवर्ष लगभग 800 करोड़ रुपए का कार्य करेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिये वर्ष 2018 में पोषण अभियान की शुरूआत की थी....;
भोपाल । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस ( International Women's Day) पर मंगलवार को मप्र ( mp ) में महिला सशक्तिकरण के लिये 4 महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं। पहला- महिला वित्त विकास निगम ( Women Finance Development Corporation ) का सुदृढ़ीकरण किया जायेगा, दूसरा - 100 करोड़ ( 100 crore) रुपए की लागत से मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष ( Chief Minister Nari Samman Kosh ) स्थापित होगा, तीसरा-मुख्यमंत्री महिला उद्यम शक्ति योजना प्रारंभ होगी और चौथा-इंदौर एवं भोपाल में महिला उद्यम प्रोत्साहन के लिये इंडस्ट्रियल पार्क ( Industrial park ) बनाये जायेंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री ( Chief Minister ) शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chauhan ) ने देवास ( Devas ) में आयोजित महिला स्व सहायता कार्यक्रम के दौरान दी। मुख्यमंत्री चौहान एवं सांसद जेपी नड्डा ने महिला स्व-सहायता समूहों को बैंक लिंकेज के माध्यम से 300 करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया और महिला स्व-सहायता समूहों को पोषण आहार संयंत्र की चाबी सौंपी।
इस दौरान जल जीवन मिशन में कार्य करने के लिये महिलाओं को टूल किट प्रदाय किये गये। महिलाओं के संकुल स्तरीय संगठनों को पुरस्कृत किया गया। स्व-सहायता समूह की सफलता की कहानियों की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ बेटियों के पूजन के साथ हुआ।
प्रदेश ने रचा इतिहास -
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मप्र ने महिला सशक्तिकरण में नया इतिहास रचा है। आजीविका मिशन में महिलाओं के स्व-सहायता समूहों ने महिलाओं के सशक्तिकरण में क्रांति की है। आज महिला स्व-सहायता समूह पोषण आहार निर्माण, गणवेश निर्माण, फ्लाई एश से ईंट निर्माण, समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीदी, राशन दुकानों का संचालन आदि अनेक कार्य कर रहे हैं। देवास में आज प्रारंभ किये जा रहे पोषण आहार संयंत्र में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार बनाया जायेगा।
41 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी लखपति -
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में देश में अदभुत कार्य हुआ है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, प्रधानमंत्री आवास की महिलाओं के नाम से रजिस्ट्री, उज्ज्वला कनेक्शन, राशन प्रदाय, आजीविका मिशन आदि सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में मप्र आगे है। मप्र में पैदा होने से अंतिम सांस लेने तक बहन-बेटियों का पूरा ध्यान सरकार रखती है। प्रदेश में 41 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी है, जो पैदा होते ही लखपति हो जाती है। गरीब बेटियों के कॉलेज में प्रवेश पर उन्हें 25 हजार रुपए तथा प्रतिवर्ष 5 हजार रुपए अध्ययन के लिए दिये जा रहे हैं। साथ ही मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि पाठ्यक्रमों की फीस भी सरकार भरती है। आगामी अप्रैल माह से बेटियों की शादियां सरकार धूमधाम से करायेगी।
अगले तीन वर्षो में 25 लाख बहनें और जुड़ेंगी स्व सहायता समूह से -
सांसद नड्डा ने कहा कि महिला सशक्तिकरण में मप्र अग्रणी है। पहले ठेकेदारों के माध्यम से पोषण आहार बनता था। अब महिला स्व-सहायता समूह यह कार्य करेंगी। यह महिला सशक्तिकरण को नई दृष्टि एवं दिशा देगा। महिलाएं यहां प्रतिवर्ष लगभग 800 करोड़ रुपए का कार्य करेंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिये वर्ष 2018 में पोषण अभियान की शुरूआत की थी। देश में 74 लाख स्व-सहायता समूह गठित किये गये हैं, जिनमें 8 करोड़ बहनें कार्य कर रही हैं। प्रदेश में साढ़े तीन लाख स्व-सहायता समूह में 40 लाख बहने कार्य कर रही हैं। प्रदेश में आगामी 3 वर्षों में 25 लाख बहनें स्व-सहायता समूह से और जुड़ेंगी। महिला समूहों को एक वर्ष में 2525 करोड़ रुपए का ऋण न्यूनतम ब्याज दर पर दिया जायेगा। यह निश्चित रूप से महिला सशक्तिकरण को नये आयाम देगा। नड्डा ने कहा कि मप्र में महिला-पुरूष अनुपात में वृद्धि पर भी प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में महिलाओं को 6 माह का प्रसूति अवकाश एवं 6 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। मुफ्त ईलाज दिया जाता है। महिलाओं के सम्मान के लिये सरकार कृत-संकल्पित है। देश में 11 करोड़ इज्जत घर (शौचालय) एवं मप्र में 66 लाख इज्जत घर बनाये गये हैं। मप्र में 3 करोड़ 70 लाख महिलाओं को जन-धन खातों से जोड़ा गया है।
मजदूर से बनी मालिक -
प्रारंभ में पोषण आहार संयंत्र की अध्यक्ष दुर्गा बाई परमार ने कहा कि पहले मैं मजदूर का कार्य करती थी। वर्ष 2017 से आजीविका मिशन में स्व-सहायता समूह बनाकर कार्य प्रारंभ किया। आज मैं मजदूर से मालिक बनी हूं। कार्यक्रम में दुगार्बाई परमार एवं अंतर बाई चौहान ने संयंत्र में निर्मित पोषण आहार के पैकेट्स अतिथियों को भेंट किये। कार्यक्रम में मुरलीधर राव, प्रभारी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, कृषि मंत्री कमल पटेल, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद वीडी शर्मा, सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी, ज्ञानेश्वर पाटिल, विधायक गायत्री राजे पवार उपस्थित थी।