चिरायु अस्पताल ने कोरोना संक्रमित का आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से किया इंकार, मृतक का नहीं दे रहे डेथ सर्टिफिकेट

दरअसल एक कोरोना संक्रमित महिला के बेटे ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के मैनेजर और डॉक्टर्स ने आयुष्मान कार्ड में कोरोना का इलाज करने से इंकार कर दिया है। बता दें मध्यप्रदेश सरकार ने आयुष्मान कार्ड से कोरोना का इलाज करने के निर्देश दे दिया है, लेकिन कुछ अस्पताल इसे मानने से इंकार कर दिया है। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2021-05-16 10:57 GMT

भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण ने चारो ओर हाहाकार मचा रखा है। ऐसे में कुछ अस्पताल आपदा में अवसर तलाशने की फ़िराक में जुटे हुए हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के भोपाल में चिरायु अस्पताल से सामने आया है, जहां अस्पताल प्रबंधन का अमानवीय चेहरा देखने को मिला। दरअसल एक कोरोना संक्रमित महिला के बेटे ने आरोप लगाया है कि अस्पताल के मैनेजर और डॉक्टर्स ने आयुष्मान कार्ड में कोरोना का इलाज करने से इंकार कर दिया है। बता दें मध्यप्रदेश सरकार ने आयुष्मान कार्ड से कोरोना का इलाज करने के निर्देश दे दिया है, लेकिन कुछ अस्पताल इसे मानने से इंकार कर दिया है।

योगेश बलवानी नाम के शख्स ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि मेरी माता रुख्मानी बलवानी को 19 अप्रैल को कोरोना के इलाज के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया था। उस दिन से आज तक मैं दो-ढाई लाख रूपये जमा कर चुका हूँ। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा कोरोना संक्रमितों का इलाज आयुष्मान कार्ड से करने का आदेश देने के बाद मैं कई दिनों से अस्पताल के अधिकारी और अकाउंट डिपार्टमेंट के चक्कर लगा रहा हूँ लेकिन वे लोग आयुष्मान कार्ड एक्सेप्ट करने के लिए राजी नहीं है।

इलाज के दौरान मेरी माता का निधन हो गया। पहले तो अस्पताल इलाज के पूरे पैसे जमा किए बिना उनका शव देने से इनकार कर दिया। कई मिन्नतें करने के बाद अस्पताल ने मेरी माता का अंतिम संस्कार करने के लिए उनकी लाश दी। मैं अभी उनका अंतिम संस्कार कर के लौटा हूँ और अस्पताल से लगातार कॉल आ रहे हैं, जिसमें बचे हुए इलाज के रुपए जमा नहीं करने पर मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं देने की धमकी दी जा रही है।

घटना से संबंधित एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में चिरायु अस्पताल के मैनेजर गौरव बजाज कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि हॉस्पिटल के मालिक डॉ. गोयनका के मुताबिक कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए हम आयुष्मान कार्ड एक्सेप्ट नहीं कर रहे हैं। इसके बाद उन्होंने गार्ड से कहकर मरीज के परिजन को बाहर फेंकवाना का आदेश दे दिया।

मरीज के बेटे का आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने ही उनसे बदतमीजी की है और आयुष्मान कार्ड से इलाज न करने की बात कहते हुए चुनौती दी कि जाओ जो करना है कर लो हम आयुष्मान कार्ड एक्सेप्ट नहीं करेंगे।

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