cm shivraj in ujjain : प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना, फसलों के लिए बांधों से छोड़ा जा सकता है पानी
उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने cm shivraj in ujjain आज बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया इसके बाद पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना को लेकर उन्होंने महाकाल मंदिर में हो रहे महारुद्राभिषेक में शामिल होकर पूजन पाठ किया।;
राहुल यादव की रिपोर्ट।
उज्जैन पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने cm shivraj in ujjain आज बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया इसके बाद पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना को लेकर उन्होंने महाकाल मंदिर में हो रहे महारुद्राभिषेक में शामिल होकर पूजन पाठ किया।
अच्छी बारिश की कामना
करीब एक घंटे से अधिक समय तक महाकाल मंदिर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश में अच्छी बारिश की कामना को लेकर पूजन किया।
मीडिया से चर्चा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि जो संकट के बादल छाए हैं वह हटे इसी कामना के साथ भगवान का पूजन अभिषेक किया।
संकट छाया हुआ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहां की अगस्त माह पुरा सुख गया है। ऐसे में सूखे की स्थिति मध्य प्रदेश में पैदा हो रही है। फसलों पर संकट छाया हुआ है।
बाबा कृपा की वर्षा करें अच्छी वर्षा हो जाए फसले बच जाए, किसानों का कल्याण हो, प्रदेश का कल्याण हो और पूरे देश में अच्छी बारिश हो सभी सुखी रहे सबका कल्याण हो इसी भावना के साथ आज बाबा महाकाल की पूजा की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की वह हम सब पर कृपा की वर्षा करें अच्छी बरसात हो जाए मैं जनता जनार्दन से भी अपील करता हूं अपने-अपने गांव में अपने-अपने शहर में जो भी परंपरा हो गांव की उस परंपरा का निर्वाह करते हुए सब अच्छी वर्षा के लिए प्रार्थना करें प्रार्थना सुनी जाती है।
प्रार्थना में असर होता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की प्रार्थना में असर होता है। सच्चे दिल से प्रार्थना की जाती है। भगवान कृपा की वर्षा करते हैं। आप सब भी मेरे प्रिय प्रदेशवासियों अपने-अपने गांव में अपने-अपने शहर में भगवान की पूजा करके अच्छी वर्षा की कामना करें मैं अपनी तरफ से सरकार की तरफ से किसान भाइयों आपकी सेवा करने में कोई कसर नहीं छोडूंगा कल ही मैंने अल्प वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए बैठक की है। और उसमें यही निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां बांधों से पानी छोड़ा जा सकता है।
फसलें बचाई जा सकती है उन बांधों से पानी छोड़ा जाए और हम लोग छोड़ रहे हैं वर्षा नहीं होने के कारण बिजली का संकट भी पैदा हुआ है क्योंकि सावन भादो में जितनी बिजली की जरूरत नहीं पड़ती ट्यूबवेल नहीं चलते इस समय 8000 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़टी थी। अब 15000 मेगावाट बिजली की मांग है।
बिजली आपूर्ति हम करने के प्रयास कर रहे हैं बिजली कम मिल पा रही है मैंने निर्देश दिए हैं जहां भी बिजली की जरूरत हो जहां बिजली मिल सकती है वहां से बिजली लेकर बिजली की कमी ना आने दे ताकि किसान ट्यूबवेल से अपने खेतों में सिंचाई कर सके।