I.N.D.I.A गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं, एमपी में सपा के बाद अब आप जदयू ने भी तोड़ा कांग्रेस से तोड़ा नाता नजरअंदाज करने का लगाया आरोप
कांग्रेस पांच राज्यों में किसी भी में सहयोगियों को सीटें देकर खुद को कमजोर नहीं करना चाहती है। यही वजह है कि वह आम आदमी पार्टी, सपा, जदयू या वामदल सहित अन्य दलों के लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुई।;
MP Election 2023: भोपाल। भाजपा से मुकाबले के लिए बना विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिखर गया है। कांग्रेस के सहयोगी दलों को नजरंदाज किए जाने के चलते सपा के बाद जदयू ने भी अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। गठबंधन का हिस्सा आम आदमी पार्टी भी अपने प्रत्याशियों को उतार चुकी है।
विपक्ष के 26 दलों का जब गठबंधन हुआ तब कहा गया वे सारे देश में भाजपा के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे, लेकिन गठबंधन के सबसे बड़े दल कांग्रेस ने साफ कहा है कि इंडिया का गठन 2024 लोकसभा चुनावों के लिए हुआ न कि विधानसभा चुनाव के लिए। कांग्रेस ने इसी रणनीति के तहत पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में अपने किसी सहयोगी दल को तवज्जो नहीं दी। मिजोरम को छोड़कर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की भाजपा से सीधी लड़ाई है। वहीं, तेलंगाना में उसका मुकाबला के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति से है।
खुद को कमजोर नहीं करना चाहती कांग्रेस
कांग्रेस पांच राज्यों में किसी भी में सहयोगियों को सीटें देकर खुद को कमजोर नहीं करना चाहती है। यही वजह है कि वह आम आदमी पार्टी, सपा, जदयू या वामदल सहित अन्य दलों के लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुई। कांग्रेस की रणनीति है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में वह मजबूत बनकर उभरेगी तो वह लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में सहयोगी दलों के दबाव में आने की बजाए उन्हें दबाव में लेकर ज्यादा सीटें हासिल कर सकेगी।
अभी और उम्मीदवार उतारने की तैयारी
230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी अब तक 45, सपा 42 और जदयू पांच उम्मीदवारों का एलान कर चुके हैं। सपा करीब 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं, जदयू ने अभी पहली ही सूची जारी की है। वह कुछ और सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जताई थी कड़ी आपत्ति
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में गठबंधन नहीं होने पर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि यदि उन्हें पता होता गठबंधन विधानसभा स्तर पर नहीं है तो वह कांग्रेस से कभी बात ही नहीं करते। उन्होंने यहां तक कहा कि यूपी में कांग्रेस के साथ वैसा ही सलूक किया जा सकता है जैसा मध्य प्रदेश में उनके साथ किया गया। पिछले चुनाव में सपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी और पांच पर दूसरे नंबर पर थी। इसी आधार पर छह सीटों की मांग की थी।
प्रियंका के लिफाफे वाले बयान पर भाजपा ने की कार्रवाई की मांग
भाजपा ने बुधवार को चुनाव आयोग से से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अर्जुन राम मेघवाल, पार्टी नेता अनिल बलूनी और ओम पाठक सहित भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग को शिकायत सौंपी। भाजपा ने शिकायत में कहा है कि प्रियंका ने 20 अक्तूबर को दौसा में जनसभा में कहा था कि उन्होंने टीवी पर देखा कि जब प्रधानमंत्री मोदी की ओर से एक मंदिर में दिए गए दान का एक लिफाफा खोला गया तो उसमें केवल 21 रुपये थे। इसके बाद उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि भाजपा जनता को ‘लिफाफे’ दिखाती है, लेकिन चुनाव के बाद उनमें कुछ नहीं मिलता।
कांग्रेस ने शाह और सरमा की चुनाव आयोग से की शिकायत
कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को चुनाव आयोग को आठ ज्ञापन सौंपे। इनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और मध्य प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, पहली शिकायत केंद्रीय गृह मंत्री के खिलाफ है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में बयान दिया था उस संबंध में ज्ञापन दिया गया। दूसरा ज्ञापन छत्तीसगढ़ के कवर्धा में असम के मुख्यमंत्री के खतरनाक बयान के खिलाफ है। तीसरी शिकायत आईएएस अधिकारियों को केंद्र सरकार के रथप्रभारी बनाने की अधिसूचना के खिलाफ है। चौथी शिकायत गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ एफआईआर को लेकर है। इसके अलावा चार ज्ञापन तेलंगाना से जुड़े हैं।