पुलिस से अवैध वसूली : विधायक से इस्तीफे की मांग, आक्रोशित ग्रामीणों से मिलने पहुंचे थे

अंबाह विधायक कमलेश जाटव ने पुलिस पर अवैध वसूली कर रेत माफिया को संरक्षण देने ने का आरोप लगाया। इस दौरान एसडीओपी के गनर ने कह दिया कि आप भी तो पुलिस से वसूली लेते हैं। इस सार्वजनिक आरोप के बाद विधायक जी का चेहरा देखने लायक था। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2021-06-14 10:33 GMT

मुरैना। अंबाह विधायक कमलेश जाटव पर सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के बाद अब उनकी इस्तीफे की मांग उठ रही है। दलित शोषण मुक्ति मंच तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अंबाह विधायक कमलेश जाटव से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से विधायक पर सार्वजनिक वसूली का आरोप लगने के बाद कार्यवाही किए जाने की भी मांग की है। कमलेश जाटव, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं।

दरअसल तथाकथित रेत माफिया के खिलाफ की जा रही वन विभाग की कार्रवाई में अंबाह क्षेत्र के एक किसान की दर्दनाक मौत की घटना सामने आई है। घटना के बाद उसके परिजनों ने आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी की मांग करते हुए चक्का जाम कर दिया। इस बीच अंबाह विधायक कमलेश जाटव पहुंचे और उन्होंने पुलिस पर अवैध वसूली कर रेत माफिया को संरक्षण देने ने का आरोप लगाया। इस दौरान एसडीओपी के गनर ने कह दिया कि आप भी तो पुलिस से वसूली लेते हैं। इस सार्वजनिक आरोप के बाद विधायक जी का चेहरा देखने लायक था।

इस आरोप के बाद दलित शोषण मुक्ति मंच तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अंबाह विधायक कमलेश जाटव से इस्तीफे की मांग की है। वहीं आरोप को गंभीरता से लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से विधायक के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।

दलित शोषण मुक्ति मंच के प्रांतीय संयोजक जे के पिपल पार्टी तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य अशोक तिवारी ने इसे अत्यंत गंभीर आरोप बताया है और कहा है कि सैकड़ों नागरिकों के बीच सार्वजनिक रूप से एसडीओपी के गनर व्दारा विधायक पर पुलिस से अवैध वसूली के लगाए गए आरोप अत्यंत निंदनीय है और उन्हें एक भी दिन विधायक पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।

गौरतलब है कि विधायक कमलेश सिंधिया समर्थक हैं, जो कांग्रेस से भाजपा में जाकर पुनः निर्वाचित होकर विधायकी कर रहे हैं। माकपा ने तथा दलित शोषण मुक्ति मंच ने जनप्रतिनिधियों के व्दारा पुलिस और अन्य विभागों से की जा रही वसूली की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इसे जनता के साथ विश्वासघात बताया है तथा कहा है कि यह गंभीर दुराचरण है। इसी तरह के कृत्यों के चलते विभिन्न विभाग जनता के प्रति अपने उत्तरदायित्व को नहीं निभा रहे हैं। माकपा और दलित शोषण मुक्ति मंच ने इस तरह की स्थिति को अत्यंत चिंतनीय बताया है।

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