बिजली के टावरों पर चढ़े किसान, मुआवजा न मिलने पर हैं परेशान, SDM और पुलिस मौके पर मौजूद

बिजली के टावर पर चढ़े किसानों का आरोप है कि बिजली ट्रांसमिशन द्वारा मनमानी की जा रही है। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2021-03-11 16:29 GMT

सतना। मुआवजा नहीं मिलने के कारण गुरुवार को उचेहरा में अलग-अलग टावरों पर आधा दर्जन किसान चढ़ गए हैं। ये लोग मुआवजा राशि देने की मांग कर रहे हैं लेकिन इन्हें अभी तक संतुष्ट नहीं किया गया है। घटना की जानकारी मिलने पर उचेहरा के एसडीएम धीरेंद्र सिंह व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। बिजली के टावरों पर चढ़े किसानों को उतरने के लिए उन्हें मनाया जा रहा है। बातचीत का दौर जारी है।

बताया जा रहा है कि किसान दोपहर 3 बजे से टावरों पर चढ़े हुए हैं। बिजली के टावर पर चढ़े किसानों का आरोप है कि बिजली ट्रांसमिशन द्वारा मनमानी की जा रही है। विद्युत ट्रांसमिशन अधिकारियों की मनमानी के कारण जिले में किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उचेहरा तहसील के पिथौरा बाद, अतरबेदिया किसानों को उनके खेत पर बिजली का टॉवर लगाए जाने के बाद समुचित मुआवजा नहीं दिया गया है। जो किसान मुआवजे की मांग को लेकर बिजली गेट टावर पर चढ़े हुए हैं, उनके नाम राजेन्द्र तिवारी, बिद्याधर दुबे, कमलभान उरमलिया, जितेंद्र कुशवाहा, रामकृपाल कुशवाहा है।

सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक किसान 12 लाख प्रति टॉवर 3000 रनिंग तार के हिसाब से कुआ बोर मकान भूमि के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलता वह बिजली के टावर पर चढ़े रहेंगे। किसान खाना और पानी साथ में हुए लिए हुए हैं। देर रात यहां पर पावर ग्रिड के अधिकारी भी पहुंच गए हैं।

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