फर्जीवाड़ा - यूको बैंक के एजीएम के खिलाफ 20 करोड़ के लोन घोटाले में एफआईआर, सीबीआई ने वेयरहाउसिंग कंपनियों को भी बनाया आरोपी
भोपाल - बैकिंग घोटाले के मामले में सीबीआई ने यूको बैंक के एजीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 20 करोड़ रुपए के लोन में बैंक के नियमों को दरकिनार कर कंपनियों को फायदा पहुंचाया था। इस मामले में वेयरहाउसिंग कंपनियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। बालाघाट में वेयरहाउस बनाने के लिए लोन में कंपनियों ने फर्जीवाड़ा किया था।
सीबीआई के मुताबिक यूको बैंक के एजीएम प्रफुल्ल सेठिया के खिलाफ शिकायत की गई थी। दिसंबर में लोकपाल में शिकायत करने के बाद प्रफुल्ल सेठिया के खिलाफ साक्ष्य मिले थे। जिसके बाद लोकपाल ने एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश दिए थे। एजीएम के साथ ही 5 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें सीजीआरसीएमएल राजस्थान कंपनी, सहारे वेयरहाउस बालाघाट, प्रगति वेयरहाउस और यूको बैंक के अन्य अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि बैंक ने वेयरहाउसिंग लोन मामले में विभागीय जांच की थी। जिसमें यह खुलासा हुआ है कि एजीएम ने जिन वेयरहाउसिंग कंपनियों को लोन जारी किया था। इसमें बैंक के नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसके अलावा विभिन्न प्रक्रियाओं का भी पालन नहीं किया गया। खासबात है कि वेरिफिकेशन में भी फर्जी रिपोर्ट लगाई गई। यह तथ्य बैंक की विभागीय जांच में सामने आए थे। जिसके बाद शिकायत को निजी व्यक्ति के जरिए लोकपाल में भेजी गई। पिछले दिनों लोकपाल ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने के लिए निर्देश दिए।
लोन लेने के बाद नहीं चुकाई रकम
- वेयरहाउसिंग कंपनियों ने बैंक के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर लोन ले लिया। इसके बाद कई सालों का बैंक का लोन नहीं चुकाया। बैंक की तरफ से बार-बार नोटिस भी भेजा गया। फिर कंपनियों ने खुद को एनपीए घोषित कर दिया। जिसके बाद बैंक को करोड़ों रुपए का नुकसान भी हुआ। साथ ही कंपनियों के बैंक खातों में कई गड़बड़ियां भी हुई है। जिसकी पड़ताल अब सीबीआई कर रही है।
मुरैना में भी 45 करोड़ का फर्जीवाड़ा
- सीबीआई के अधिकारी ने बताया कि मेसर्स देवीराम कोल्ड स्टोरेज एंड आइस फैक्ट्री के श्रीनिवास शर्मा, राघवेंद्र शर्मा, अंजुला शर्मा और सरिता शर्मा ने फर्जी वेयरहाउस रिसिप्ट और स्टॉक के आधार पर करीब 45 लोन खातों से 20 करोड़ से अधिक का चूना यूको बैंक को लगाया था। मैसर्स पीएस कंसाना वेयरहाउस के कुशल सिंह कंसाना ने यूको बैंक को करीब 9 करोड़ की चपत लगाई थी। फर्म के 19 लोन खातों को यूको बैंक ने एनपीए घोषित किया। तीसरी एफआईआर मुरैना की ही मैसर्स शांति वेयरहाउस पर दर्ज की गई है जिसकी संचालक लीलावती अग्रवाल ने करीब 21 करोड़ की चपत बैंक को लगाई है। इनके 41 लोन खातों को बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया था।