राज्यपाल पटेल ने मनुहार के साथ राजभवन में कराया दिव्यांग बच्चों को भोजन, जानिए क्या था अवसर

राज्यपाल मंगुभाई पटेल के कार्यकाल के एक वर्ष की पूर्णता पर दिव्यांग बच्चे राज्यपाल के अतिथि बनें। राज्यपाल की मेजबानी में दोपहर का भोजन राजभवन में ग्रहण किया। इससे पूर्व करीब 60 दिव्यांग बच्चों ने राजभवन का भ्रमण किया। इस अवसर पर उमंग गौरवदीप वेलफेयर सोसाइटी, शासकीय दृष्टि एवं श्रवण विद्यालय, शैलूम स्कूल और शासकीय मानसिक विद्यालयों के दिव्यांग बच्चे उपस्थित थे । इनमें 15 अस्थि बाधित, 15 श्रवण बाधित, 19 मस्तिष्क मन्दता और 8 दृष्टि बाधित दिव्यांग बच्चे शामिल थे।;

Update: 2022-07-08 09:05 GMT

भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के कार्यकाल के एक वर्ष की पूर्णता पर दिव्यांग बच्चे राज्यपाल के अतिथि बनें। राज्यपाल की मेजबानी में दोपहर का भोजन राजभवन में ग्रहण किया। इससे पूर्व करीब 60 दिव्यांग बच्चों ने राजभवन का भ्रमण किया। इस अवसर पर उमंग गौरवदीप वेलफेयर सोसाइटी, शासकीय दृष्टि एवं श्रवण विद्यालय, शैलूम स्कूल और शासकीय मानसिक विद्यालयों के दिव्यांग बच्चे उपस्थित थे । इनमें 15 अस्थि बाधित, 15 श्रवण बाधित, 19 मस्तिष्क मन्दता और 8 दृष्टि बाधित दिव्यांग बच्चे शामिल थे।

राज्यपाल के व्यवहार से बच्चे अभिभूत

राज्यपाल पटेल के दिव्यांग बच्चों के साथ आत्मीय संवाद और स्नेहिल व्यवहार से दिव्यांग बच्चे अभिभूत हो गए। राज्यपाल पटेल भोजन के दौरान स्वयं बच्चों के पास पहुँचे। मनुहार कर उनको भोजन कराया। राज्यपाल ने अपने मधुर वचनों, स्नेहिल व्यवहार और शुभकामनाओं के आर्शीवाद से दिव्यांग बच्चों के मन, मस्तिष्क को आनंद के रंग में सराबोर कर दिया। राज्यपाल पटेल ने चर्चा के दौरान उपस्थित प्रत्येक दिव्यांग बच्चे के पास पहुँचकर उनको शुभाशीष और स्नेह प्रदान किया। उन्हें टॉफी, चॉकलेट भेंट की।

बच्चों से यह बोले राज्यपाल

राज्यपाल ने दिव्यांग बच्चों से कहा कि वह राजभवन भ्रमण के अपने अनुभवों को अपने साथियों, परिजनों के साथ साझा करें। उन्होंने अपने नवासे के श्रवण बाधित होने की जानकारी देते हुए कहा कि यदि शरीर में कोई कमी होती है तो कुदरत कोई अन्य दिव्य शक्ति भी प्रदान कर देती है। जरूरत अपने अंदर की इस शक्ति को पहचानने की है। उन्होंने दृष्टि बाधित बालिका के श्रवण और गायन की दिव्य शक्ति होने का उल्लेख करते हुए बच्चों को प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षकों और प्रशिक्षकों के सेवा भावना की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को उनकी दिव्य शक्तियों को पहचानने में मदद के साथ ही उन्हें प्रदर्शन का भी अवसर प्रदान करने में सहयोग करें।



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