Guna Samvad 2023 : डॉ हिमांशु द्विवेदी के तीखे सवालों पर बोले पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया

हरिभूमी व आईएनएच न्यूज चौनल का अलग-अलग क्षेत्रों के विकास के रोडमैप पर आधारित संवाद 2023 कार्यक्रम प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में करा रहा है। इन सभी कार्यक्रमों में इन क्षेत्रों के दिग्गजों समेत प्रदेश के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, चिकित्सा शिक्षा व इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रही जानी मानी हस्तियां हिस्सा ले रही है। इन कार्यक्रमों में हरिभूमि व आईएनएच न्यूज चौनल के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी के सवालों का ये दिग्गज सामना कर रहे है। शुक्रवार की शाम हुए इस कार्यक्रम में गुना के बीजेपी और कांग्रेस के वारिष्ठ नेता शामिल हुए। प़क्ष और विपक्ष के लोगों ने शहर के विकास को लेकर चर्चा हुए, जिसमें जनता ने भी अपना प़क्ष रखा और जनप्रतिनिधियों से सवाल किए।;

Update: 2023-08-11 15:12 GMT

Guna Samvad 2023 : हरिभूमी व आईएनएच न्यूज चौनल का अलग-अलग क्षेत्रों के विकास के रोडमैप पर आधारित संवाद 2023 कार्यक्रम प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में करा रहा है। इन सभी कार्यक्रमों में इन क्षेत्रों के दिग्गजों समेत प्रदेश के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, चिकित्सा शिक्षा व इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रही जानी मानी हस्तियां हिस्सा ले रही है। इन कार्यक्रमों में हरिभूमि व आईएनएच न्यूज चौनल के प्रधान संपादक डॉ हिमांशु द्विवेदी के सवालों का ये दिग्गज सामना कर रहे है। शुक्रवार की शाम हुए इस कार्यक्रम में गुना के बीजेपी और कांग्रेस के वारिष्ठ नेता शामिल हुए। प़क्ष और विपक्ष के लोगों ने शहर के विकास को लेकर चर्चा हुए, जिसमें जनता ने भी अपना प़क्ष रखा और जनप्रतिनिधियों से सवाल किए।

डॉ हिमांशु द्विवेदी: जिस कांग्रेस से आपने अपनी राजनीति शुरू की, कितने सफल हो रहे है

महेन्द्र सिंह सिसोदिया: यह सच है कि मैं और मेरा पूरा पूर्ण रूप से कांग्रेस के लिए समर्पित था। और उस पार्टी के लिए समर्पित था जिसे महात्मा गांधी और जवाहर लाल नेहरू ने सिंचा। उस मूल कांग्रेस को इंदिरा गांधी के समय उन्हेंने इंदिरा कांग्रेस बनाई, तो वो मूल कांग्रेस समाप्त हो गई, और एक परिवार की कांग्रेस शुरू हो गई। मेरा रक्त कांग्रेसी था, मैं जुड़ा रहा, छात्र जीवन से, युवा कांग्रेस से, किसान कांग्रेस से जुड़े रहे और महाराज सिंधिया जी के नेतृत्व में काम करते रहे। लेकिन एक समय ऐसा आया, जब लगा की मूल कांग्रेस समाप्त हो गई है और स्वार्थ की कांग्रेस प्रारंभ हो गई, जब हमने देखा की कुठाराघात उन पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ हो रहा है जिन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए, पिछले चुनाव में कंधे से कंधा मिलकार साथ चले।

सिसोदिया ने आगे कहा की मेरे परिवार के साथ कई अन्याय किए गए, गुना के सभी नेता जानते है। फर्जी केस भी लगाए गए, फिर भी हम पचाते चले गए, लेकिन जब बात कार्यकर्ता और जनता पर आई तो हमसे बर्दाशत नहीं हुआ और हमने अपना कदम उठा लिया। उन्होंने आगे कहा की 15 महीने की सरकार में बहुत पैसा था, लेकिन सारा पैसा छिंदवाड़ा गया। उन मंत्रियों को गया जो उनके थे। सिंधिया जी के मंत्रियों को दरकिनार किया गया। उस 15 महीने की सरकार में 1 रूपये का विकास कार्य नहीं हुआ। एक वीपीएल राशन कार्ड नहीं बना, एक राशन की पर्ची नहीं बनी। इसलिए सिंधिया जी के नेतृत्व में 1 लाख कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ी और भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा।

डॉ हिमांशु द्विवेदी: आजकल सिंधिया जी के समर्थक चोट देकर कांग्रेस में क्यो जा रहे है?

महेन्द्र सिंह सिसोदिया: ये चोट नहीं है, ये स्वार्थ है चुनाव के टिकटों का। इन्हीं लोगों ने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा ज्वाईन की थी। जब उन्होंने देखा कि यहां हमारी दाल नहीं गलने वाली, टिकट नहीं मिलने वाला तो कांग्रेस का दामन थाम लिया। और आने वाले टिकट वितरण में इनको टिकट नहीं मिलेगा तो ये फिर दोबारा सिंधिया जी और भाजपा में आएंगे। सिसोदिया ने आगे कहा की कांग्रेस और भाजपा में जमीन आसमान का फर्क है। हमारी पार्टी का हर निर्णय संगठन लेता हैं, संगठन चाहेगा तो ऐसे नेताआंे को पार्टी में वापस लेगा, या नहीं लेगा। उन्होंने आगे कहा की हमने भाजपा में जो कार्य दिए, वो हुए, बमोरी में 21 हजार करोड़ के काम हुए।

डॉ हिमांशु द्विवेदी: आपने राधौगढ़, चाचोड़ा और गुना में कितने हजार करोड़ के काम कराए?

महेन्द्र सिंह सिसोदिया: आज की दुनिया में जैसे तो तैंसा, 10 साल मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी रहे, गुना में चिड़िया भी नहीं आई, एक कील भी नहीं लगी। उस समय मैं भी कांग्रेस में था। दिग्विजय सिंह ही 10 साल मुख्यमंत्री रहे, गुना के साथ भेदभाव किया गया। और इसलिए नहीं किया क्योंकि ये क्षेत्र महाराज सिंधिया जी का क्षेत्र था। और तो और राघौगढ़ में भी एक भी कील नहीं लगी। लेकिन हमारी भाजपा सरकार ने सभी विधानसभा क्षेत्रों मंे काम किया। हमने ज्यादा मेहनत की तो हम ज्यादा लेकर आए। कोई कम लाता है तो कोई ज्यादा। मैं मंत्री होते हुए भी प्रोटोकॉल तोड़कर अधिकारियो के पास गए और अपना काम कराया।

डॉ हिमांशु द्विवेदी: आपके नेता के साथ भाजपा कैसा व्यवहार कर रही है?

महेन्द्र सिंह सिसोदिया: ये सारे मुद्दे, सारे नारे पांसे हो गए है। इनको डस्टबिन में डाल दीजिए। पीछले उपचुनाव में जितने नारे, जितने आरोप लगा सकते थे लगाए, लेकिन जनता ने भरोसा किया। आज वर्तमान की स्थिति में भाजपा में हम लोग बस गए है, और हमारी पार्टी भाजपा है उसके लिए हम काम कर रहे है। जब तक कांग्रेस में थे, कांग्रेस के लिए ईमानदारी से काम किया। लेकिन कांग्रेस जब यूटिलाइज किया और आज उन्होंने हमारी कीमत नहंी समझी तो हम भाजपा में आ गए।

डॉ हिमांशु द्विवेदी: महाराज को मुख्यमंत्री बनने की हसरत आज भी जिंदा है की मार दी गई है?

महेन्द्र सिंह सिसोदिया: महाराज सिंधिया के परिवार को में व्यक्गित जानता हूं। उस परिवार की कभी कोई महत्वकांक्षा नहीं रही। चाहे राजमाता हो, चाहे माधोराव सिंधिया जी हो, चाहे महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया जी हो उनकी कभी कोई अभिलाषा नहीं रही। राहुल गांधी जी ने उनसे बहुत से बादे किए, सोनिया गांधी जी ने उनसे बहुत से वादे किए और उन वादों को जनता के सामने लाकर, सिंधिया जी के चेहरे केा मूर्ख बनाकर शादी तो जवान महिला से कर ली और फेरा घोड़े से पार लिए।

डॉ हिमांशु द्विवेदी: जिस जनता ने उसके चेहरे पर वोट दिया, उसे चार महीने वाद जनता ने क्यों नकार दिया।

महेन्द्र सिंह सिसोदिया: रायबरेली से इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी, जिनको पूरे देश की जनता ने चुना। अगला चुनाव प्रधामनंत्री जी का वो क्यों हार गई। इतिहास उठाकर देख लिजिए।

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