Hamidia Hospital News : मोतियाबिंद ग्रस्त बच्चों को नहीं करना होगा इंट्राओकुलर लेंस का इंतजार

जन्मजात व कम आयु में होने वाले मोतियाबिंद से पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। इसके इलाज के लिए इंट्राओकुलर लेंस जरूरी है।;

Update: 2023-11-03 03:44 GMT

भोपाल। जन्मजात व कम आयु में होने वाले मोतियाबिंद से पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। इसके इलाज के लिए इंट्राओकुलर लेंस जरूरी है। हमीदिया में व्यस्कों के लिए यह लेंस सरकारी सप्लाई में आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन बच्चों के आंख के साइज व नंबर के लेंस मिलना बेहद मुश्किल होता है। इसी को देखते हुए नेत्र विभाग ने जीव फाउंडेशन नामक एनजीओ के साथ एमओयू किया है। यह एक दिन में बच्चों को लेंस डिलीवर करेगा।

लेंस मुफ्त लगाए जाएंगे

बाजार में इन लेंस की 15 से 60 हजार रुपए कीमत है। अमेरिका की यह संस्था इसके लिए आगे आई है और 21 साल तक के मरीजों को मुफ्त में लेंस उपलब्ध कराएगी। साथ ही हमीदिया अस्पताल द्वारा भी यह लेंस मुफ्त लगाए जाएंगे।

हर रोज होंगे ऐसे 2 से 3 ऑपरेशन

नेत्र विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसएस कुबरे के अनुसार अस्पताल में हर माह ऐसे 15 से 20 बच्चों की सर्जरी की जाती है। वहीं यदी 21 साल तक के मरीजों को भी जोड़े तो यह संख्या 35 से 40 के करीब होती है। वहीं इस एमओयू के बाद और भी मरीज बढ़ने की संभावना है। इसके देखते हुए विभाग की एचओडी द्वारा डॉक्टरों को पर्याप्त तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं।

बच्चों को होगा लाभ

MOU के तहत 21 साल तक के बच्चों को एनजीओ लेंस निशुल्क उपलब्ध कराएगी। साथ ही ऑपरेशन का खर्च हमीदिया अस्पताल करेगा। यह सुविधा बच्चों के लिए बेहद लाभकारी होगी।

- डॉ. कविता कुमार, एचओडी, नेत्र विभाग, जीएमसी

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