ऑनर किलिंग : मामा ने भांजी को गोली मारकर मौत के घाट उतारा, गुमनाम चिट्ठी से खुला चार साल पुरानी वारदात का राज

आरोपी कोई और नहीं युवती का मामा ही निकला, जिसको युवती के प्रेम प्रसंग से आपत्ति थी और उसने अपनी भांजी की हत्या कर दी। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2020-09-13 14:48 GMT

रीवा। जिले के सोहागी थाना क्षेत्र में दूसरी जाति के युवक से प्रेम करने की कीमत युवती को जान देकर चुकानी पड़ी। करीब 4 साल पुरानी हत्या के एक मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। हत्या की साजिश और उसे अंजाम देने वाले आरोपी कोई और नहीं युवती का मामा ही निकला, जिसको युवती के प्रेम प्रसंग से आपत्ति थी और उसने अपनी भांजी की हत्या कर दी।

सोहागी थाने के नैना नदी के करकहा पुल के नीचे 10 जून 2016 को युवती की लाश बरामद हुई थी, जिसकी गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस ने करीब 1 साल बाद युवती की पहचान जूली उर्फ गरिमा सिंह पिता राजमोहन 20 वर्ष निवासी पुरवा थाना सलोना जिला रायबरेली उत्तर प्रदेश के रूप में की थी।

युवती की निर्दयतापूर्वक हत्या करने वाले आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही थी। इस हत्याकांड में पुलिस ने 4 साल बाद एक आरोपी विजय बहादुर सिंह निवासी सेदलीपुर थाना गदागंज रायबरेली को पकड़ा है।

पूछताछ में उसने युवती के मामा संजय सिंह निवासी जमुनापार रायबरेली, कप्तान सिंह व हकीम के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार किया। आरोपी युवती को लेकर नैना नदी के पास आए थे और उसे गोली मारने के बाद शव को पुल के नीचे फेंक दिया था।

बताया जा रहा है कि युवती का एक दूसरी जाति के युवक के साथ प्रेम प्रसंग चलता था, जिस पर उसके मामा को आपत्ति थी। उसने कई बार युवती को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब वह नहीं मानी तो उसने युवती की हत्या की योजना बनाई। अपने साथियों के साथ मिलकर उसे अंजाम दिया। इस मामले में मामा सहित अन्य आरोपियों को भी पुलिस ने नामजद किया है, जिनकी तलाश की जा रही है। इस हत्याकांड के खुलासे में एक गुमनाम पत्र ने पुलिस की मदद की थी।

इस पत्र में मामा के द्वारा उसकी हत्या करने की जानकारी दी गई थी। पुलिस लगातार इसकी तस्दीक कर रही थी। युवती को अपने साथ लेकर आने वाले आरोपी विजय बहादुर सिंह की पहचान खीरी गांव में भी लोगों ने की थी, जहां वह बाइक से गिर गया था। उसके बाद पुलिस ने घटना दिनांक को उसके मामा का लोकेशन ट्रेस किया तो वह घटनास्थल पर ही मिला। फलस्वरूप पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा किया।

आपको बता दें, इस हत्याकांड के खुलासे में क्षेत्र के एसडीओपी नवीन दुबे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। करीब 2 साल तक मामला ठंडे बस्ते में कैद रहा। पदस्थापना के बाद एसडीओपी नवीन दुबे ने इस मामले की फाइल दुबारा खुलवाई और नए सिरे से जांच शुरू की जिस पर हत्या का खुलासा हो गया। 

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