Indira Gandhi Hospital Bhopal : दो दिन से अंधेरे में अस्पताल, फ्लैशलाइट बनी सहारा
हम बात कर रहे हैं शहर के इंदिरा गांधी हॉस्पिटल की, जो एक सरकारी अस्पताल है। जानकारी मिली है कि पिछले दो दिन से यहां बिना बिजली के काम चल रहा है।;
भोपाल। रोशनी के लिए जहां गांवों में जद्दोजहद चलती रहती है वहीं अब भोपाल जैसे शबर में भी आलस के कारण अंधेरे में इलाज की नौबत आई हुई है। हम बात कर रहे हैं शहर के इंदिरा गांधी हॉस्पिटल की, जो एक सरकारी अस्पताल है। जानकारी मिली है कि पिछले दो दिन से यहां बिना बिजली के काम चल रहा है। रात के समय लोग मोबाइल की टॉर्च का उपयोग करने पर विवश हैं। महिला और बच्चो के लिए बनाया गया यह खास अस्पताल सात के समय दो दिन से अंधेरे में लिपत हो जा रहा है। जिससे प्रसूता और नवजात दोनों की देखभाल में परेशानी आ रही है। बिजली न होने का कारण ट्रांसफार्मर खराब होना बताया गया है।
फ्लैशलाइट का सहारा
इंदिरा गांधी महिला एवं बाल्य चिकित्सालय में दो दिनों से बत्ती गुल है। लाइट न होने से रात के समय सभी को परेशानी आ रही है। गर्भवती महिलाओं के साथ नवजात शिशुओं की देखभाल करना भी दुभर हो चुका है। फिलहाल सभी लोग रात के समय मोबाइल की फ्लैशलाइट से काम चला रहे हैं। जब हॉस्पिटल स्टाफ से इस बारे में जानकारी ली गई तो सामने आया कि दो दिन से अस्पताल का ट्रांसफार्मर खराब है। जिस वजह से सभी को इस दिक्कत से रूबरू होना पड़ रहा है। लेकिन ट्रांसफार्मर दुरुस्त करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोई कदम अब तक नहीं उठाया है।