'टिकट मिलेगा तो लड़ूंगा चुनाव, मेरी कांग्रेस से कोई डील नहीं हुई'

सांवेर विधानसभा के पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्डू ने 'हरिभूमि-INH' के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ बातचीत में कई खुलासे किए। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2020-06-11 17:04 GMT

भोपाल। सिंधिया परिवार की गद्दारी से अगर झांसी की रानी की हत्या नहीं होती तो देश 1947 के बजाए 90 साल पहले आजाद हो जाता। मेरी उनसे हमेशा मांग रही है कि पूर्वजों की गलती के लिए देश की जनता से माफी मांग लें। इसको लेकर ही सिंधिया परिवार से मेरी हमेशा नाराजगी रही है। सिंधिया के भाजपा में आने के कारण मैंने कांग्रेस में वापसी की। कांग्रेस जो दायित्व सौंपेगी, उसे निभाऊंगा। यह कहना है आगामी उपचुनाव में सांवेर विस सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी माने जाने वाले पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्डू का। उन्होंने 'हरिभूमि' के सहयोगी न्यूज चैनल 'आईएनएच' के खास कार्यक्रम 'अदालत में बागी' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से ये बातें कहीं।

सवाल : जिस भाजपा को पौने दो साल पहले आपने अपनाया था, उसे छोड़ने की वजह क्या है?

जवाब : मैंने उस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण कांग्रेस छोड़ी थी। इनके परिवार का मैं शुरू से विरोधी रहा हूं। इनके परिवार की गद्दारी से झांसी की रानी की हत्या हुई थी, नहीं तो देश 1857 में ही स्वतंत्र हो जाता। मैं हमेशा कहता रहा हूं, सिंधिया को अपने पूर्वजों की गद्दारी के लिए देश की जनता से माफी मांगना चाहिए। ज्योतिरादित्य ने केंद्र सरकार में मंत्री रहते हुए मेरे लोकसभा क्षेत्र उज्जैन में एक भी योजना नहीं दी थी, कोई विकास कार्य नहीं करवाया, जबकि वह उनकी पूर्व रियासत का हिस्सा है। मैंने सिंधिया के कारण ही कांग्रेस छोड़ी थी, बाद में सिंधिया ही भाजपा में आ गए, कमलनाथ की जनहितैषी और हर वर्ग के लिए काम कर रही सरकार को षड़यंत्र से गिरा दिया। भाजपा को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस ज्वॉइन की है।

सवाल : आपको 1998 सांवेर से टिकट मिला, बाद में 2003 में आलोट से टिकट मिला, 2009 में लोकसभा का टिकट लिया, ये तीनों चुनाव जीते, फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया से नाराजगी क्यों था?

जवाब : मेरा सिर्फ इतना कहना है कि रानी झांसी की हत्या न होती तो देश बहुत पहले आजाद हो जाता, इनकी गद्दारी के कारण देश 90 साल विलंब से देश आजाद हुआ। पूर्वजों की गद्दारी के लिए उन्हें माफी मांगने में हर्ज कैसा है। इसी को लेकर सिंधिया परिवार से मेरा विरोध है। मैं मप्र युवक कांग्रेस का अध्यक्ष था, उस वक्त माधवराव सिंधिया ने मुझे हटवाकर गोविंद राजपूत को अध्यक्ष बनवा दिया था। ज्योतिरादित्य ने अपने केंद्र में मंत्री रहते हुए मेरे लोकसभा क्षेत्र को विकास से वंचित रखा। इन बातों को लेकर मेरी नाराजगी है।

सवाल : एक तरफ आपने कहा कि 7 फरवरी को इस्तीफा दिया, उस वक्त कांग्रेस सरकार नहीं गिरी थी, फिर सिंधिया द्वारा सरकार गिराने को भी कारण बता रहे हैं?

जवाब : मैंने 7 फरवरी को ही भाजपा से इस्तीफा दिया था। उस वक्त सरकार गिराने की तैयारी चल रही थी, चार्टर्ड प्लेन खड़े हुए थे, षड़यंत्र किया जा रहा था। तब मुझे लग रहा था कि यह अनहोनी होने वाली है।

सवाल : सिंधिया के भाजपा में आने से आपको इतनी नाराजगी क्यों है। उनको इतना महत्व कहां मिल रहा है, पार्टी में और भी नेता हैं?

जवाब : मानसिक रूप से भी मैं भाजपा से जुड़ नहीं पा रहा था, तात्कालिक आक्रोश के कारण, उस वक्त मैंने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी। बाद में मुझे लगा कि मैं यहां गलत आ गया। इसलिए बाद में गलती सुधारते हुए कांग्रेस में लौट गया।

सवाल : 15 साल बाद सत्ता में आने के बाद कमलनाथ व दिग्विजय सिंह जैसे अनुभवी नेताओं के होने के बाद भी सरकार कैसे धराशायी हो गई?

जवाब : कांग्रेस के कुछ विधायक अपना ईमान, क्षेत्र की जनता का जनादेश बेचकर आ गए। उन्होंने करोड़ों रुपए लेकर कांग्रेस सरकार गिरा दी। इसलिए इन नेताओं के अनुभव का कारण नहीं है।

सवाल : क्या कमलनाथ प्रदेश की राजनीति समझने में चूक गए?

जवाब : वे वरिष्ठ नेता हैं, वर्ष 1980 से सांसद हैं। वे अगर 5 या 10 साल और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते तो प्रदेश की तस्वीर को बदल देते, लेकिन षड़यंत्रकारियों ने यह होने नहीं दिया।

सवाल: कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि आपकी अपेक्षा ज्यादा थी, और हमने उपेक्षा भी की, इसलिए गुड्डू पार्टी छोड़ गए?

जवाब : उन्होंने जो कहा ठीक ही कहा होगा, दोनों बातों के बीच जो फर्क है, वह मैं और विजयवर्गीय समझते हैं। इसे चैनल पर नहीं कहा जा सकता।

सवाल : कांग्रेस में जाने को लेकर क्या सांवेर सीट की डील हुई है?

जवाब : डील जैसी कोई बात नहीं है, पार्टी जो दायित्व सौंपेगी, मैं उसे निभाऊंगा।

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