जीतू सोनी केस : नरेंद्र रघुवंशी ने की ख़ुदकुशी, सुसाइड नोट में बताई जान देने की वजह
जीतू के साथ होटल माय होम भी संभालता था, 67 महिलाओं को बंधक बनाकर रखने का आरोपी था जीतू सोनी। पढ़िए पूरी खबर-;
इंदौर। मानव तस्करी और देह व्यापार मामले के मुख्य आरोपी जीतू सोनी के करीबी नरेंद्र रघुवंशी ने ख़ुदकुशी कर ली। रघुवंशी पिछले दिनों वृद्ध पिता के स्वास्थ्य को लेकर पैरोल पर सेंट्रल जेल से बाहर थे। आज पैरोल खत्म हो रही थी और आज के ही दिन उनकी लाश सुदामा नगर स्थित अपने घर पर फंदे में लटकी मिली। जानकारी अनुसार रघुवंशी 20-25 साल से जीतू के साथ जुड़ा हुआ था। वह जीतू के साथ होटल माय होम भी संभालता था।
मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें जिसमें पुलिस-प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के कारण जान देने की बात लिखी है। इसके अलावा नोट में मौत के बाद आँख, किडनी, दिल और लीवर जरुरतमंदों को दान करने के भी बात कही गई है।
पलासिया थाना में मानव तस्करी और देह व्यापार का केस दर्ज होने के बाद नरेंद्र को जीतू सोनी के बेटे अमित के साथ गिरफ्तार किया गया था। कुछ दिन पहले वह पैरोल पर बाहर आया था। मंगलवार को पैरोल खत्म होने के बाद उसे फिर से जेल पहुंचना था।
बता दें हनी ट्रैप मामला सामने आने के बाद 30 नवंबर 2019 की रात जीतू सोनी के खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की शुरुआत की गई थी। पुलिस और प्रशासन की टीम ने सोनी के गीता भवन स्थित माय होम होटल पर छापा मारा और यहां से 67 युवतियों को बरामद किया। इसके बाद पलासिया थाने में जीतू और अन्य के खिलाफ मानव तस्करी और प्रिवेंशन ऑफ इम्पोरल ट्रैफिकिंग एक्ट (पीटा) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था। इसके बाद नगर निगम ने जीतू के अवैध बने होटल सहित वैध संपत्तियों पर कार्यवाही की गई थी। जीतू उर्फ जितेंद्र सोनी को क्राइम ब्रांच ने गुजरात में अमरेली जिले के उसके पुश्तैनी गांव धारग्नि से 28 जून को गिरफ्तार किया था।