पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान का विरोध, पर कमलनाथ को एतराज नहीं, बोले- ये उनके निजी विचार, छिंदवाड़ा में कराएंगे शिव कथा
शिव पुराण कथा कहने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के एक बयान पर कांग्रेस में एक वर्ग को कड़ी आपत्ति है, जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को कोई एतराज नहीं है। मिश्रा ने कल बैतूल में कथा के दौरान कहा था कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रत्येक हिंदू परिवार का एक बेटा संघ और बजरंग दल में होना चाहिए। कमलनाथ ने कहा कि ये उनके निजी विचार हैं। कल ही मेरी उनसे बात हुई है, वे छिंदवाड़ा में शिव कथा के लिए आएंगे।;
भोपाल। शिव पुराण कथा कहने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के एक बयान पर कांग्रेस में एक वर्ग को कड़ी आपत्ति है, जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को कोई एतराज नहीं है। मिश्रा ने कल बैतूल में कथा के दौरान कहा था कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रत्येक हिंदू परिवार का एक बेटा संघ और बजरंग दल में होना चाहिए। जिला कांग्रेस के महामंत्री ऋषि दीक्षित ने इस पर आपत्ति जताते हुए बयान वापस लेने की मांग की जबकि कमलनाथ ने कहा कि ये उनके निजी विचार हैं। कल ही मेरी उनसे बात हुई है, वे छिंदवाड़ा में शिव कथा के लिए आएंगे। उन्होंने कहा कि अगर वे भाजपा से हैं तब भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है।
पंडित मिश्रा भाजपा के हों, तो भी चिंता नहीं
कमलनाथ ने कहा कि लोगों का कहना है कि पंडित मिश्रा भाजपा के हैं, लेकिन इससे भी मुझे चिंता नहीं है। प्रदीप मिश्रा कहां के हैं, किसके हैं, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। कमलनाथ ने कहा कि लोगों की धार्मिक भावना उजागर करना उनका लक्ष्य है। पत्रकारों से सिमरिया हनुमान मंदिर का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैंने जो मंदिर बनाया वह अपनी धार्मिक भावना से बनाया। इसकी कोई पब्लिसिटी नहीं की। यह सब भावनाओं से होता है, अपना देश भावनाओं का देश है, यह हमें कभी नहीं भूलना चाहिए, भारत देश संस्कृति का देश है।
ऋषि दीक्षित ने कहा, शब्द वापस लें पंडित जी
जिला कांग्रेस बैतूल के महामंत्री ऋषि दीक्षित ने मिश्रा के बयान पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि मैं भी पंडित मिश्रा को फॉलो करता हूं। वे हमारे संत हैं, लेकिन उनका बयान देखा, जिसे बजरंग दल और आरएसएस कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर बार-बार चला रहे हैं। दीक्षित ने कहा कि यदि वे आरएसएस, बजरंग दल जॉइन करने के लिए बोल रहे हैं तो यह देश के लिए घातक है। अगर पंडित मिश्रा ने गलती से यह कहा है तो वे मंच से इसे वापस लें। धर्म का राजनीतिकरण हो रहा है, यह देश के लिए घातक है।