कमलनाथ ने कहा- कभी उनकी इच्छा मुख्यमंत्री बनने की नहीं रही, पत्रकार मिलन कार्यक्रम में ये भी बोले
कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि उनकी इच्छा कभी भी मुख्यमंत्री बनने की नहीं रही है,किन्तु वो मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित चाहते है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनसे 11 महीने की सरकार के कामकाजों की बात कर रहे है,जबकि उन्हें अपनी सरकार के काम को लेकर बात करना चाहिए। उन्होंने कहा किसी भी उम्मीदवार का टिकट सर्वसम्मति से तय नहीं किया जा सकता,इसलिए हम अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं से चर्चा कर फीडबैक लेते है। टिकट किसे देना है,इसके लिए स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं से पूछा जाएगा।;
भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि उनकी इच्छा कभी भी मुख्यमंत्री बनने की नहीं रही है,किन्तु वो मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित चाहते है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनसे 11 महीने की सरकार के कामकाजों की बात कर रहे है,जबकि उन्हें अपनी सरकार के काम को लेकर बात करना चाहिए। उन्होंने कहा किसी भी उम्मीदवार का टिकट सर्वसम्मति से तय नहीं किया जा सकता,इसलिए हम अपने स्तर पर कार्यकर्ताओं से चर्चा कर फीडबैक लेते है। टिकट किसे देना है,इसके लिए स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं से पूछा जाएगा।
मप्र का भविष्य सुरक्षित रखने की चिंता
दरअसल कमलनाथ ने अपने निवास पर आयोजित पत्रकार मिलन कार्यक्रम में अनौपचारिक चर्चा में कहा कि उनकी कभी भी इच्छा सीएम बनने की नहीं रही है और न ही उन्होंने इसे लेकर कभी भी कोई बात की है। वो तो चाहते है कि मध्यप्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे। नाथ ने कहा कि वह 15 महीने प्रदेश की सत्ता पर रहे,इनमें से ढाई महीने लोकसभा के आचार संहिता में निकल गए,तो कुछ महीने दूसरे कार्यों की वजह से निकले। उन्हें कुल 11 महीने सरकार चलाने का मौका मिला। इतने कम समय में उन्होंने जो भी कार्य किए है,वह जनता से सामने है। अब मुख्यमंत्री उनसे सवाल पूछ रहे है,जबकि होना यह चाहिए कि सीएम जनता को यह बताएं कि उन्होंने जो कहा वह अब तक क्यों नहीं किया। नाथ ने अरुण यादव,सुरेश पचौरी और अजय सिंह राहुल विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि हमने तो अरुण तो लोकसभा चुनाव का टिकट दिया,अंतिम दिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया। अजय सिंह पिछले दिनों उनके साथ उमरिया प्रवास पर थे। पूर्व सीएम ने कहा कि हम अपने स्तर पर टिकट किसे देना है,फीडबैक लेते है। उनसे हर दिन कई कार्यकर्ता समय लेकर मिलते है,तो कई बिना समय लिए मिलने आ जाते है,जिनसे मैं उनके क्षेत्रों की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल करता है। लेकिन इस बार कांग्रेस स्थानीय लोगों सेे पूछकर टिकट तय करेगी।
बात बाहर आई,तो कांग्रेस ने कर दिया खण्डन
दरअसल अनौपचारिक चर्चा में कमलनाथ ने कह दिया कि 'चुनाव लड़ूंगा नहीं, लड़वाऊंगा.'। लेकिन उन्होंने इसे औपचारिक रुप से बोलने से इंकार कर दिया। लेकिन सोशल मीडिया में उनकी यह बात बाहर आई और इन कयासों ने तूल पकड़ लिया कि इस बार चुनावी मैदान में कमलनाथ नहीं उतरने वाले हैं। लेकिन प्रदेश कांग्रेस ने इन कयासों को विराम देते हुए स्पष्टीकरण जारी कर दिया। कांग्रेस की तरफ से बताया गया है कि पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के विषय में कोई घोषणा नहीं की है. मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी भोपाल के मीडिया विभाग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रही इस तरह की खबरें पूरी तरह भ्रामक हैं।
13 फरवरी को बागेश्वर धाम जाएंगे कमलनाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 13 फरवरी को प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम जाएंगे। जहां उनके द्वारा मंदिर में दर्शन किए जाएंगे,तो वहां के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात भी करेंगे. कांग्रेस मीडिया सेल उपाध्यक्ष अजय यादव ने कहा कि कमलनाथ धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं और सभी धार्मिक आयोजनों में शामिल होते हैं. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते ॐ सर्किट, 1 हजार गौशाला बनवाने का काम किया, पुजारियों का मानदेय बढ़ाया और मंदिरों को माफियाओं से मुक्त किया. वह धर्म के रास्ते पर चलने वाले नेता हैं. बीजेपी राजनीति के लिए धर्म का उपयोग करती है, जबकि हमारी धार्मिक आस्थाएं हैं.