mp political news: कमलेश्वर पटेल ने आजीविका मिशन सहित मुद्दों पर सरकार को घेरा, लगाया गंभीर आरोप

विधायक कमलेश्वर पटेल (kamleshwar patel) ने कहा कि कांग्रेस (congress) ने जब आजीविका मिशन (aajivika mission) की शुरूआत (start) की थी तो यह निर्देश (instruction) थे कि 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज समूह सदस्य से नहीं लिया जाए, परंतु महिलाओं की पीठ पर छुरा घौंप कर भाजपा सरकार और उनके अधिकारियों ने इसके विपरीत 24 प्रतिशत ब्याज महिला समूह सदस्यों से वसूला, जो आरबीआई के निर्देशों के विपरीत था।;

Update: 2023-05-22 11:21 GMT

mp politcal news: भोपाल। कांग्रेसी विधायक कमलेश्वर पटेल (kamleshwar patel)  ने कहा कि कांग्रेस (congress) ने जब आजीविका मिशन (aajivika mission) की शुरूआत (start) की थी तो यह निर्देश (instruction) थे कि 12 प्रतिशत से अधिक ब्याज समूह सदस्य से नहीं लिया जाए, परंतु महिलाओं की पीठ पर छुरा घौंप कर भाजपा सरकार और उनके अधिकारियों ने इसके विपरीत 24 प्रतिशत ब्याज महिला समूह सदस्यों से वसूला, जो आरबीआई के निर्देशों के विपरीत था। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब हमने निर्णय लिया था कि गरीब माताओं-बहनों को मात्र 12 प्रतिशत ब्याज पर ऋण उपलब्ण कराया जाएगा। पार्टी ने निर्णय लिया था कि आजीविका मिशन अतंर्गत सामुदायिक निवेश निधि से 30 हजार रूपये प्रति सदस्य तक के मान से कितने समूहों को शून्य प्रतिशत की ब्याज दर पर कृषि, गैर कृषि उत्पादक गतिविधियों हेतु ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। पटेल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया है।

गौशालाओं की व्यवस्थाएं ठप्प हो चुकी है

पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार दावा करती है की स्व सहायता समूह को पोषण आहार संयंत्रों के प्रबंधन में दिया गया है, जो की गरीब-माताओं बहनों के साथ कितना बड़ा धोखा और छल है, जबकि हकीकत तो यह है कि पोषण आहार संयंत्र 45 करोड़ के घाटे में चल रहे हैं, इस पर सरकार मौन क्यों है? उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के कुपोषण के आंकड़े उठाकर देख लीजिए, बहुत बदतर स्थिति हैं प्रदेश की, इसका कारण यह है कि पिछले साल मात्र 5 माह ही आंगनवाडियों में पोषण आहार दिया गया। मप्र में पोषण आहार की कमी से कुपोषित बच्चों की संख्या का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। गौशाला मुद्दे पर पटेल ने कहा कि सरकार गौशालाओं को बर्बाद कर रही है। गौशालाओं का निर्माण एवं संचालन करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई थी तथा इस पर गंभीरता से कार्य चल रहा था, परंतु सरकार बदलते ही गौशाला का संचालन का काम आजीविका मिशन को दे दिया गया जिसके कारण गौशालाओं की व्यवस्थाएं ठप्प हो चुकी है।



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