Kanwar Yatra 2023 : रतलाम से पहली बार निकली कांवड़ यात्रा, पुष्प वर्षा के साथ महादेव के भक्तों का हुआ स्वागत, सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात

पहली बार रतलाम से उज्जैन के लिए पहली पैदल कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। जिसमे बड़े तादाद में भक्त शामिल होकर चार दिनों के अंदर तीन पड़ाव के साथ सोमवार को बाबा महाकाल का जलाभिषेक करने उज्जैन पहुचेगे और अपनी यात्रा समाप्त करेंगे।;

Update: 2023-08-04 12:19 GMT

रतलाम : सावन माह की शुरुआत होने के बाद से देशभर से महादेव के भक्त पूजा अर्चना करने और बाबा भोलेनाथ के प्रति अपनी श्रध्दा को दर्शने के लिए बड़े तादाद में कांवड़ यात्रा निकालते है। इसी कड़ी में पहली बार रतलाम से उज्जैन के लिए पहली पैदल कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। जिसमे बड़े तादाद में भक्त शामिल होकर चार दिनों के अंदर तीन पड़ाव के साथ सोमवार को बाबा महाकाल का जलाभिषेक करने उज्जैन पहुचेगे और अपनी यात्रा समाप्त करेंगे।

पुष्प वर्षा कर कांवड़ यात्रा का स्वागत किया गया

बता दें कि रतलाम से पहली बार निकल रही कांवड़ यात्रा को लेकर भक्तों में खास उत्साह है। जिसको देखते हुए सामाजिक और राजनीतिक पार्टियों के पदाधिकारियों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर कांवड़ यात्रा का स्वागत किया। बता दें कि इस यात्रा का आयोजन वैभव जाट सन्नी और जवाहर व्यायामशाला अम्बर परिवार की ओर से आयोजित किया गया है। यात्रा शुरू करने से पहले सैलाना बस स्टैंड स्थित श्री आमलिया भेरुजी पर वैभव जाट और जवाहर व्यायामशाला अम्बर परिवार के पितृ पुरुष दौलत जाट, सुरेश जाट ने पूजा अर्चना की और महादेव का नाम लेकर यात्रा को शुरू किया गया।

जलाभिषेक करने से भक्तों के सारे कष्ट होते है दूर

मान्यता के अनुसार सनातन धर्म में कांवड़ यात्रा को बेहद शुभ माना गया है। कांवड़ से गंगाजल लाकर भगवान शिव को जलाभिषेक करने से भक्तों के सारे कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दौरान शिव भक्त कई किलोमीटर की दूरी तय करके गंगाजल लाते हैं और शिवरात्रि पर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। भगवान शिव को जलाभिषेक करने के साथ गाय का दूध भी चढ़ाया जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। जिसके चलते अधिकतर लोग हरिद्वार, प्रयागराज और अन्य तीर्थ स्थल से जल लाते हैं। 

 शिवभक्त महादेव के भजनों पर थिरकते हुए नजर आए 

बता दें कि रतलाम से निकली इस कांवड़ यात्रा में सैकड़ों की संख्या में भक्तगण शामिल हुए। जिसकी सुरक्षा में बड़े तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए है । साथ ही उनके ठहरने के लिए विश्राम स्थल के इंतेजाम भी किए गए है। इस दौरान उज्जैन के भस्म रमैया महाकाल भक्त मंडल के साथ धर्म ध्वजा और महादेव का रूप धारण कर शिवभक्त महादेव के भजनों पर थिरकते हुए नजर आए। बता दें कि 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू हो गया है, जो 31 अगस्त 2023 तक रहेगी। इस बार सावन 58 दिन तक चलने वाला है। ऐसे ही बड़े तादाद में भक्त कांवड़ लेकर महादेव के जल अभिषेक के लिए पहुंच रहे है। 

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