करंट से हाथी की मौत के मामले में वन विभाग के प्रमुख सचिव को लीगल नोटिस, जिम्मेदार अफसरों से मुआवज़ा वसूलने की मांग

इसके अलावा लीगल नोटिस में प्रदेश के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के आस पास घूम रहे 40 जंगली हाथियों को सुरक्षा देने की मांग की गई। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2020-11-30 12:57 GMT

जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में करंट से हाथी की मौत के मामले में एक समाजिक संगठन ने प्रदेश के वन विभाग के प्रमुख सचिव को लीगल नोटिस दिया है। इस लीगल नोटिस में एनजीटी के आदेश के मद्देनज़र, हाथी की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों से पर्यावरण मुआवज़ा वसूलने की मांग की गई है। साथ ही लीगल नोटिस में प्रदेश के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के आस पास घूम रहे 40 जंगली हाथियों को सुरक्षा देने की मांग की गई है।

नोटिस में कहा गया है कि अगर वन विभाग दो दिनों में जुर्माना वसूली और हाथियों को सुरक्षा देने की कार्यवाई नहीं करता है, तो मामले में एनजीटी में याचिका दायर की जाएगी। ये नोटिस देने वाले जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मंच का कहना है कि केरल में गर्भवती हथिनी की मौत और आसाम में हाथियों के शिकार के मामले में एनजीटी ने लापरवाह अफसरों से पर्यावरण मुआवज़ा वसूलने और हाथियों की सुरक्षा का विस्तृत आदेश दिया था। जिसका पालन मध्यप्रदेश में नहीं किया जा रहा है।

बता दें कि उड़ीसा के राम-बलराम नाम की हाथियों की एक जोड़ी, अपने दल से बिछड़कर जबलपुर पुहंच गई थी, जहां बीते दिनों शिकारियों द्वारा फैलाए गए करंट से एक हाथी की मौत हो गई थी। वहीं दूसरा हाथी भटकते हुए मंडला जिले के बीजाडांडी पहुंच गया है, जिसने वहां दो ग्रामीणों को घायल कर दिया।

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