Emotional Story: 13 साल की लंबी कहानी: गायब हुआ बेटा नौजवान हो जाने पर मिला, भीगी ऑंखों से सुनाईं दास्तान
13 साल पहले एक 13 साल का बालक अपने पिता की डांट के डर से घर छोड़ कर भाग गया था। लम्बे समय बाद गायब हुआ बेटा अब अपने माता-पिता के पास वापस आ गया है। बेटे को देख कर माता - पिता की आंखों से खुशी के आंसू निकल पडे। 13 साल पहले घर से भागे बालक की उम्र अब 26 साल की हो गयी है।;
सतना। 13 साल पहले एक 13 साल का बालक (Child) अपने पिता (father) की डांट (scold) के डर से घर छोड़ (leave) कर भाग (run) गया था। लम्बे समय बाद गायब हुआ बेटा अब अपने माता-पिता के पास वापस आ गया है। बेटे को देख कर माता - पिता की आंखों से खुशी के आंसू निकल पडे। 13 साल पहले घर से भागे बालक की उम्र अब 26 साल की हो गयी है।
26 वर्षीय यह युवक मूक बाधिर है लंबे समय के बाद माता-पिता, भाई-बहनों को देख कर उसकी ऑंखें भर आयीं। अपने लाड़ले के घर छोड़ कर भाग जाने रिपोर्ट माता-पिता ने स्थानीय थाने में लिखवाई थी। युवक को उसके घर वालों से मिलाने में पुलिस की भूमिका भी सराहनीय है।
थारा संस्था देती है गायब बच्चों को सहारा
मिली जानकारी के अनुसार सतना जिले के मुख्त्यारगंज निवासी रामचरित्र शुक्ला का बेटा सत्यम शुक्ला वह अपनी बहन के साथ स्कूल पढ़ने के लिए जाता था एक दिन उसने अपनी बहन का स्कूल बैग छुपा कर रखा दिया था जिससे उसकी बहन बहुत नाराज हुई थी और पिता से शिकायत का डर भाई को दिखाया था।
सत्यम अपनी इस शरारत से इतना सहम गया था कि वह वर्ष 2010 में घर से भाग गया था। इस दौरान परिजनाें ने उसे बहुत खोजने की कोशिश की मगर वह नहीं मिला जिसके बाद थाने में सूचना दी गई थी।
लंबे समय से गायब सत्यम तेलंगाना के सिकंदराबाद में थारा नाम की संस्था के पास रहा।यह वह संस्था है जो गुमशुदा और लावारिस बच्चों को आश्रय देती है। संस्था द्वारा बच्चों को 18 वर्ष उम्र पूरी हो जाने के बाद रोजगार भी उपलब्ध कराया जाता है।
संस्था अपने यहां के बच्चों का डेटा DCRB पर भी अपडेट करती है जिससे यहां रहने वाले बच्चों की जानकारी आसानी से ली जा सकती है। सत्यम के हाथ में उसके पिता ने उसका नाम और जिले का नाम गुदवाया था जो आज भी उसके हाथ में देखा गया।