खनन माफिया ने वन अमले पर की फायरिंग, गाड़ियां और साथी छुड़ा ले गये
माफिया ने 20 मिनट तक रुक-रुक कर गोलियां चलाईं, वन विभाग और SAF के जवानों ने बमुश्किल छिपकर जान बचाई। पढ़िए पूरी खबर-;
ग्वालियर। मध्यप्रदेश में माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। तिघरा के जंगल में पत्थर के अवैध उत्खनन को रोकने पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों और एसएएफ के जवानों पर माफिया ने हमला कर दिया। माफिया ने 20 मिनट तक रुक-रुक कर गोलियां चलाईं। वन विभाग और SAF के जवानों ने बमुश्किल छिपकर जान बचाई। इस दौरान पत्थर माफिया JCB मशीन के साथ बंधक बने अपने साथी को भी छुड़ा ले गए।
घटना गुरुवार-शुक्रवार दरमियानी रात 1.40 बजे की है। बताया जा रहा है कि जवान से कार्बाइन छीन ली गई थी। बाद में वह घटनास्थल पर ही पड़ी मिल गई तो पुलिस ने राहत की सांस ली। आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बताया जा रहा है कि अवैध उत्खनन की सूचना मिलने पर रेंजर विकास मिश्रा के साथ ही तिघरा चौकी प्रभारी सुनील जेवियर, गेमरेंज सुपरवाइजर शंकर खलको के साथ ही वन विभाग का अमला निकला। साथ में SAF का बल भी था। यह सभी लखनपुरा के जंगल में पहुंचे, जहां एक JCB मशीन से पत्थर का उत्खनन करती मिला। वन विभाग व SAF के बल ने JCB मशीन को घेर लिया और JCB चला रहे ऑपरेटर को अपनी निगरानी में ले लिया।
वन अमले ने मशीन जब्त कर एक ऑपरेटर को पकड़ा ही था कि तभी अचानक जंगल की झाड़ियों से फायरिंग शुरू हो गई। वन अमले को संभलने का मौका ही नहीं मिला। जवान अपनी राइफल तक नहीं निकाल पाए। किसी तरह छिपकर अपनी जान बचाई। रुक-रुक माफिया गोली चला रहे थे। इसी दौरान वे अपनी JCB मशीन और ऑपरेटर को छुड़ा ले गए। गोलीबारी की सूचना पुलिस को दी गई। जब तक पुलिस पहुंची माफिया सामान समेटकर भाग चुके थे।