मंत्री ने बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत
भोपाल के काटजू अस्पताल से पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की गई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि आज राजधानी भोपाल के काटजू अस्पताल से अपने हाथों से बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की।;
भोपाल। काटजू अस्पताल से पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की गई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि आज राजधानी भोपाल के काटजू अस्पताल से अपने हाथों से बच्चों को पोलियो की दवा पिलाकर पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। पोलियो के संभावित ख़तरे और सतर्कता बरतने के लिहाज़ से स्वास्थ्य विभाग का यह अभियान मध्य प्रदेश के 16 ज़िलों में चलाया जाएगा। दोबारा भारत में पैर न पसारे पोलियो मध्य प्रदेश में इसके लिए पहले से ही निगरानी रखी जा रही है,इस बार विशेष प्रयोग भी किया गया है पोलियो की ड्रॉप पिलाने घर लेने व छोड़ने एंबुलेंस भेजी जाएगी।
3 लाख बच्चों को पिलाई जायेगी पोलियो की दवा
सब नेशलन इम्युनाईज़ेशन डे पर मध्यप्रदेश के 16 जिलों में पोलियो अभियान आयोजित किया जा रहा है। जिसके तहत 28 मई, रविवार को जन्म से 5 साल तक के प्रत्येक बच्चे को पोलियो की दवा पिलाई जायेगी। यदि बच्चे ने अभियान के पहले भी पोलियो की दवा का सेवन किया हो, तब भी उसे दवा पिलाना जरूरी है।
कुल 3238 बूथ बनाए गए हैं
पोलियो अभियान के तहत बच्चों को नजदीकी पोलियो बूथ पर ले जाकर दवा पिलाने पर विषेष ज़ोर रहेगा, ताक़ि प्रथम दिवस पर ही अधिसंख्य बच्चे पोलियो की दवा का सेवन कर सकें। अभियान में भोपाल जिले के 3 लाख बच्चों को दवा का सेवन करवाया जाएगा। इसके लिए जि़ले में कुल 3238 बूथ बनाए गए हैं।
ट्रांजिट टीम की व्यवस्था की गई
भोपाल जिले की निर्माणाधीन ईमारतों, ईंट भट्टा, क्रेशर आदि पर काम करने वाले मज़दूरों के बच्चों एवं घुमंतु आबादी के बच्चों को दवा पिलाने के लिए मोबाईल टीम बनाई गई हैं। इसी प्रकार रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड एवं नाकों पर दवा पिलाने के लिए ट्रांजिट टीम की व्यवस्था की गई है।
133 ट्रांजिट टीमें बनाई गई
जिले में आने एवं बाहर जाने वाले हर बच्चे का भी दवा पिलवाई जा सके। अभियान में 310 सुपरवाईजर, 20 मोबाईल टीम एवं 133 ट्रांजिट टीमें बनाई गई हैं।
सेवन अनिवार्य रूप से करवाया जाए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डाॅ. प्रभाकर तिवारी ने कहा कि अभियान में जन्म से 5 साल तक की उम्र के प्रत्येक बच्चे को दवा की दो बूंद पिलाई जायेगी। जो बच्चे यह दवा पहले ले चुके हैं, उन्हें भी यह दवा फिर से लेना जरूरी है, जिससे कि यह बीमारी हमेंशा के लिए समाप्त हो जाए। भारत में पोलियो का आखिरी केस साल 2011 में मिला था, जबकि मध्यप्रदेश में 2008 के बाद से कोई भी नया पोलियो केस नहीं मिला है।भारत पोलियो मुक्त है, लेकिन भारत के कुछ पड़ोसी देशो में पोलियो के केस अभी भी है। इसलिये ये ज़रूरी है कि पोलियो से सुरक्षा के लिए बच्चों को अभियान के दौरान दवा का सेवन अनिवार्य रूप से करवाया जाए।
तीन दिनों तक जारी रहेगा
28 मई से आयोजित अभियान तीन दिनों तक जारी रहेगा। 29 एवं 30 मई को छुटे हुए बच्चों को घर-घर जाकर दवा पिलाई जायेगी। अभियान में रेल्वे, सीआरपीएफ, मिलिट्रि, भेल, एम्स, ईएसआई, फेमिली प्लानिंग एसोसिएषन, रोटरी इंटरनेषनल, एनयूएलएम, नेहरू युवा केन्द्र, एनसीसी, नर्सिंग काॅलेज, निजि नर्सिंग होम, क्लिनिक्स, मेडिकल काॅलेज, आईएपी, आईएमए द्वारा सहयोग प्रदान किया जा रहा है।