एमपी एटीएस तैयार करेगी सायबर एनालिसिस यूनिट, देश विरोधी गतिविधियों को करेंगे वेरिफाई
मध्य प्रदेश की एंट्री टेररिस्ट स्क्वाड अब हाईटेक होने वाली है। एमपी एटीएस भी सायबर एनालिसिस यूनिट तैयार करने जा रही है।;
भोपाल। मध्य प्रदेश की एंटी टेररिस्ट स्क्वाड अब हाईटेक होने वाली है। एमपी एटीएस भी सायबर एनालिसिस यूनिट तैयार करने जा रही है। प्रदेश में देश विरोधी गतिविधियों के मामले में वेरिफिकेशन करने में मदद मिलेगी। खास बात है कि अभी दिल्ली की स्पेशल सेल, केंद्रीय खुफिया एजेंसी (आईबी) और आर एंड डी (रा) के पास ही सायबर एनालिसिस युनिट है। जिससे जरिए काउंटर इंटेलिजेंस (सीआई)अक्सर राज्यों को संदिग्ध गतिविधियों को लेकर इनपुट भेजता है।
एटीएस के सूत्रों ने बताया कि सिस्टम एनालिस्ट, साफ्टवेयर डेवलपर, असिस्टेंट प्रोग्रामर की भर्ती की जा रही है। उन्हें टेक्नालिजी के बारे में बेहतर जानकारी होती है। ऐसे में एटीएस के लिए मददगार साबित होंगे। एटीएस के पास भी रिसर्च करने की टीम रहेगी। जिससे संदिग्धों के सोशल मीडिया प्रोफाइल और संपर्कों की पड़ताल की जा सकेगी। अभी एटीएस संदिग्धों पर नजर रखने के लिए मैनुअल प्रोसीजर अपना रही है। सायबर एनालिसिस यूनिट बनने के बाद काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा एटीएस के अंदर भी गोपनीयता बनी रहे।
इस पर भी एनालिसिस यूनिट का फोकस होगा। एटीएस में पदस्थ स्टाफ को भी मोबाइल साफ्टवेयर और सिक्योरिटी के बारे में जानकारी दी जाएगी। अभी मध्य प्रदेश में पीएफआई के सदस्यों की पड़ताल कर रही है। एनालिसिस यूनिट के पास भी चुनौती है कि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जाए। एटीएस का स्टाफ टेक्निकल रूप से दक्ष नहीं है। इसलिए पहले सिस्टम एनालिस्ट, साफ्टवेयर डेवलपर, असिस्टेंट प्रोग्रामर की भर्ती की जाएगी। जिससे इनपुट को वेरिफाई करने के लिए पुलिस के सायबर सेल की मदद लेने की जरूरत न पड़े।
ऐसे करेगी एनालिसिस यूनिट एटीएस के लिए काम
सूत्रों का कहना है कि एटीएस के बाद हाईटेक सर्विलांस सिस्टम है। ड्रोन, खुफिया कैमरे, इलेक्ट्रानिक डिवाइस के अलावा अन्य गैजेट्स है। उन्हें इस्तेमाल करने में एटीएस के स्टाफ दक्ष नहीं है। यूनिट न सिर्फ गैजेट्स को आपरेट करने में मदद करेगी। इसके अलावा आईपी एड्रेस को भी ट्रेस करेंगे। कई बार दूसरे देशों के लोग प्रदेश के लोगों से संपर्ककरते हैं। ऐसे में सायबर यूनिट आईपी एड्रेस की मदद से नजर रख सकेगी। इंटरनेट के जरिए कालिंग करने वाले संदिग्धों की भी जानकारी जुटाएगी। खास बात है कि एटीएस के नेटवर्क सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए एक्सपर्ट काम करेंगे।
एजेंसियों के संपर्करखने में मिलेगी मदद
एटीएस के पास सायबर एनालिसिस यूनिट होने से एस-मैक के साथ संपर्क रखने में मदद मिलेगी। एस-मैक की टीम में आईबी, आर्मी, स्टेट पुलिस, सीआईएसएफ के अधिकारी मौजूद रहते हैं। आनलाइन के अलावा आफलाइन भी हाईप्रोफाइल बैठक इनपुट को लेकर होती है। मध्य प्रदेश में आईबी के इनपुट पुलिस और हाकफोर्स के लिए अभी मददगार साबित हुए हैं। बालाघाट में नवबंर में नक्सली मूवमेंट के इनपुट के बाद तीन हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराया था। वहीं जेएमबी के आतंकियों को पकड़ने के लिए भी एटीएस को जानकारी दी थी। एटीएस के वेरिफाई करने के बाद एनआईए के आतंकियों को गिरफ्तार किया था।