MP Bjp VS Congress : 3 दिसंबर को किसकी दिवाली, किसका दिवाला, किसकी पूरी होगी आस
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों का मतदान हो चुका है। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला अब 3 दिसंबर को होगा। चुनाव का फैसला किसके पक्ष में आए यह तो 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चलेगा, लेकिन सत्ता हथिया की लड़ाई इतनी कडी हो गई थी की मतदान और मतदान से पहले भाजपा-कांग्रेस के बीच कई विधानसभाओं में तना तनी का महौल बना रहा।;
MP Bjp VS Congress : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों का मतदान हो चुका है। प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला अब 3 दिसंबर को होगा। चुनाव का फैसला किसके पक्ष में आए यह तो 3 दिसंबर को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चलेगा, लेकिन सत्ता हथिया की लड़ाई इतनी कडी हो गई थी की मतदान और मतदान से पहले भाजपा-कांग्रेस के बीच कई विधानसभाओं में तना तनी का महौल बना रहा। कई जगहों पर तो विवाद भी हुआ। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल उठता है कि 3 दिसंबर को किसी दिवाली मनेगी और किसका दिवाला निकलेगा?
बीते तीन बार से बहुमत के जादुई आंकड़े के करीब पहुंचती रही कांग्रेस इस बार फिर से 116 के लिए तरस रही है। क्या कांग्रेस इस बार स्पष्ट बहुमत ला पाने में कामयाब होगी या नही? कांग्रेस नेताओं का दावा है कि इस बार वह बहुमत से ज्यादा सीटे लेकर आ रही है, तो वही बीजेपी का दावा है कि इस बार वह 121 सीटों के साथ फिर से वापसी कर रही है।
किसकी होगी पूरी आस?
बीते तीन चुनाव यानि 2003, 2008 और 2013 के विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत के साथ सरकारें बनी, लेकिन साल 2018 के चुनव में किसी को बहुमत नहीं मिला था, लेकिन कांग्रेस जोड़ तोड़कर सरकार बनाने में कामयाब रही। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 114 और भाजपा को 109 सीटें मिलीं थी। दोनों ही दल बहुमत का आकंड़ा 116 लेकर नहीं आ पाए थे। इसके बाद भी कांग्रेस के प्रयास से कमलनाथ ने सरकार बनाई, लेकिन डेढ़ साल बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई और प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनी। लेकिन इस बार क्या कांग्रेस की आस पूरी हो पाएगी? या फिर से प्रदेश में शिवराज का जादू चलेगा?
क्या है इस बार चुनाव के फैक्टर
इस बार के विधानसभा चुनाव के कई फैक्टर है। प्रदेश में मौजूदा सरकार के विरोध में कई रूझान सामने आए तो वही कांग्रेसी आक्रामक नजर आई। सबसे अहम बात बीजेपी अपना सीएम फेस जनता के सामने लाने में असमर्थ रही। भाजपा लगातार एक ही बात पर अडिग रही की एमपी के मन में मोदी। बीजेपी की सबसे बड़ी उम्मीद लाडली बहना योजना बनी हुई है। बीजेपी की मानना है कि महिलाओं की बंपर वोटिंग उनकी जीत की राह आसान करेगी। तो वही कांग्रेस के वादे कुछ हद तक काम आते दिखाई दिए। इसके आलावा कई सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के बागियों ने खेल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अधिक वोटिंग प्रतिशत विपक्ष को फायदा!
वोट प्रतिशत की बात करे तो साल 2018 के चुनाव में वोट प्रतिशत बीजेपी को ज्यादा मिला था, लेकिन स्पष्ट बहुमत किसी भाी दल को नहीं मिला था। इस बार के चुनावी मिजाज को देख राजनैतिक जानकारों की माने तो इस बार सामान्य वोट बढ़ना जो कांग्रेस के पक्ष में जा सकता है। वही महिलाओं का वोट प्रतिशत बढ़ना भाजपा के पक्ष में जाने का अनुमान है, लेकिन दोनों दलों में भितरघात दोनों को संकट पैदा कर सकता है। खास तौर पर बीजेपी को, क्योंकि बीजेपी को कई दिग्गजों को चुनावी मैदान में उतराना पड़ा। भाजपा विरोधी वोट कांग्रेस के पक्ष में गए। तो कई जगह भाजपा को अपने ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी। तो वहीं सपा-बसपा ने दोनों दलों का खेल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फिलहाल मतदान हो चुका है। सेहरा किसके सिर बंधेगा, यह तो 3 दिसंबर को आने वाले परिणामों मे बाद ही तय होगा।