MP Election 2023 : अमृत 2.0 योजना में 24 घंटे जलापूर्ति के निर्माण कार्य रुके, अब चुनावों के बाद शुरू होंगे काम
राजधानी में अमृत 2.0 योजना से 24 घंटे जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम अब प्रदेश की नई सरकार के आने के बाद ही शुरू होगा।;
भोपाल। राजधानी में अमृत 2.0 योजना से 24 घंटे जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम अब प्रदेश की नई सरकार के आने के बाद ही शुरू होगा। क्योंकि नगर निगम द्वारा टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू नहीं करवा पाया। घर-घर नल कनेक्शन वाली इस योजना के तहत राजधानी के विभिन्न क्षेत्रो में करीब 50 हजार से ज्यादा नल कनेक्शन नगर निगम को करना है।नगर निगम में जलकार्य शाखा के अधिकारियों ने 24 घंटे जलापूर्ति की सुविधा मुहैया कराने के लिए डीपीआर बना कर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली थी। नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा इस प्रोजेक्ट को स्वीकृत भी मिल गई थी। नई पाइप लाइन बिछाने, ओवरहेड टैंक निर्माण और घरों में मीटर लगाने के साथ अन्य सेवाओं के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई थी। प्रदेश में अब तक किसी भी शहर में 24 घंटे जलापूर्ति की सुविधा नहीं है। अब यह सुविधा राजधानीवासियों को नई सरकार आने के बाद ही मिलेगी।
खर्च के हिसाब से होगी वसूली
नगर निगम द्वारा शहर में नर्मदा जल प्रदाय शुरू करने के साथ ही खर्च के हिसाब से वसूली का दावा किया गया था। लोगों के घरों में मीटर भी लगाए गए, लेकिन अब तक यह संभव नहीं हो सका। इस योजना में पुरानी पाइप लाइनों को भी बदला जाना भी है।
पानी स्टोर करने से मिलेगी मुक्ति
जिन क्षेत्रों में 24 घंटे पानी की सप्लाई होगी, वहां विशेष पेयजल लाइनों का इस्तेमाल होगा। उनमें रिसाव की समस्या नहीं होगी और पानी स्वच्छ मिलेगा। 24 घंटे जल प्रदाय के लिए लाइनों में प्रेशर से पानी भरा जाएगा। इस वजह से घरों में हौज की उपयोगिता खत्म हो जाएगी। पानी की बचत होगी। जितनी मात्रा में पानी की जरूरत होगी, उतनी ही नल से आपूर्ति होगी।
379 करोड़ रुपए होंगे खर्च
नगर निगम शहर में 24 घंटे जलप्रदाय शुरु करने में 379 करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसमें नई डिस्िट्रब्यूशन एवं फीडर लाइन बिछाई जाना है। इसके साथ ही ओवरहेड टैंक भी बनाया जाना है।
स्काडा सिस्टम से होगी निगरानी
जलप्रदाय के दौरान पानी की बर्बादी रोकने के लिए ओवरहेड टैंक व अन्य स्थानों पर स्काडा सिस्टम लगाया जाएगा। जिसके बाद सेंट्रल कंट्रोल रुम से जल प्रदाय की रियल टाइम माॅनिटरिंग की जा सकेगी। ओवर हेड टैंक भरते ही अलार्म बजेगा और पानी का वाॅल्ब अपने आप बंदहो जाएगा।
लाड़ली बहना और उज्जवला योजना में सब्सिडी के आवेदन पर लगी रोक
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होते हुए लाड़ली बहना और उज्ज्वला योजना में सब्सिडी के नए आवेदनों पर रोक लगा दी है। पूर्व में जिन लोगों के पंजीयन हो चुके हैं, उन्हें सब्सिडी का लाभ मिलता रहेगा। लेकिन नए आवेदन नहीं लिए जा सकेंगे। मालूम हो कि भोपाल जिले में दोनों योजनाओं के लिए सब्सिड़ी के लिए 79 हजार आवेदन जमा हो चुके हैं। इनमें से सब्सिडी की पहली किस्त में मिल चुकी है। जिला आपूर्ति नियंत्रक मीना मालाकर ने बताया कि सब्सिडी के लिए नए आवेदन जमा नहीं होंगे। निर्वाचन आयोग से मार्गदर्शन प्राप्त होने के बाद पंजीयन के संबंध में अलग से निर्देश जारी किए जाएंगे।
निगम अमले ने दूसरे दिन भी फ्लेक्स, बैनर, झंडे, पोस्टर और बोर्ड हटाए
विधानसभा निर्वाचन 2023 के दृष्टिगत आदर्श आचार संहिता के दिशा निर्देशों के परिपालन में नगर निगम द्वारा संपत्ति विरूपण की कार्रवाई और अधिक सख्ती से की जा रही है। निगम के संपत्ति विरूपण दलों ने मंगलवार को सभी 21 जोनों के 85 वार्ड क्षेत्रों में कार्रवाई करते हुए 833 फ्लैक्स, बैनर, 609 पोस्टर, पंपलेट व 582 अन्य प्रकार की सामग्री हटाने की कार्रवाई की। साथ ही 197 स्थानों पर दीवार लेखन पर पुताई भी कराई गई। निगम की यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। इसी तारतम्य में निगम के संपत्ति विरूपण दलों ने शहर के सभी 21 जोन के अंतर्गत 85 वार्ड क्षत्रों में सार्वजनिक स्थलों, शासकीय, अशासकीय भवनों आदि पर लगाई गई।
पंपलेट पर दर्ज करना पड़ेगी संख्या, पता, नाम भी होगा दर्ज
विधायक का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के पंपलेट, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस मालिकों को पंपलेट पर संख्या और प्रिंटर का नाम-पता दर्ज करना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर प्रिंटिंग प्रेस संचालक पर आधार संहिता उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। मंगलवार को अपर कलेक्टर प्रकाश सिंह ने दो दर्जन से अधिक बड़े प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को बुलाकर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो प्रिंटिंग प्रेस संचालक बैठक में मौजूद नहीं हैं, उन्हें भी गाइडलाइन के बारे में जानकारी भेजी जा रही है। अपर कलेक्टर ने बताया कि प्रिंटिंग प्रेस संचालक जो सामग्री भी प्रकाशित करेंगे, उसकी प्रतियां जिला निर्वाचन कार्यालय में भी जमा करना पड़ेंगी। बैठक में बताया गया कि प्रिंटिंग प्रेस संचालकों की जानकारी के आधार पर खर्च को उम्मीदवार के खर्च में जोड़ा जाएगा।
भावनाएं भड़काने वाले पोस्टर नहीं छपेंगे
अपर कलेक्टर ने बताया कि अगर कोई भी उम्मीदवार ऐसी सामग्री प्रकाशित कराता है, जिससे समाज में नफरत फैलाने, धार्मिक भावनाओं को भड़काने सहित अन्य आपत्तिजनक सामग्री प्रकाशित कराता है, तो उसकी जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को दी जाए।