MP Election 2023 : विधायक व सांसद नहीं कर सकेंगे अपने फंड का उपयोग, चुनाव आयोग ने तय की सीमाएं
मप्र में चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता प्रभावी हो गया है। इसके साथ ही चुनाव कार्य में लगे शासकीय सेवकों के अलावा तबादले पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है।;
भोपाल। मप्र में चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता प्रभावी हो गया है। इसके साथ ही चुनाव कार्य में लगे शासकीय सेवकों के अलावा तबादले पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। यदि किसी के तबादले हो गए तो वह कि्रयान्वित नहीं हो सकेगा। कोई भी एमपी व एमएसए अपने फंड का उपयोग नहीं कर सकेगा। निर्माण विभागों में कार्यो पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो कार्य पहले से शुरू हैं, उसे छोड़कर बाकी कार्य नहीं होंगे। चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से प्रदेश भर में चल रहे कार्यो, टेंडर हो चुके व वर्कआर्डर जारी हो चुके कार्यो आदि की डिटेल जानकारी मांगी है।
इन्हें दी जाएगी विशेष सुविधा
मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) अनुपम राजन ने बताया कि विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता समूचे मप्र में प्रभावी हो गई है। इस दौरान कई तरह की बंदिशें लगाई गई है। इसका पालन प्रत्येक राजनैतिक दल व अन्य लोगों को करना होगा। इन मापदंडों का उल्ल्ांघन करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। चुनाव के लिए कुल 64,523 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 16,763 शहरी व 47,760 ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान केंद्र बनाए गए है। औसम रूप से 869 मतदाता एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डालेंगे। उन्होंने बताया कि कुल 35 हजार मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंक कराई जाएगी। 15 हजार मॉडल मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए पानी, बैठनें से लेकर सभी तरह की सुविधाएं होंगी। वरिष्ठ नागरिकों को मतदान के लिए विशेष सुविधा भी दी जाएगी।
यह रहेगा चुनाव कार्यक्रम
मप्र में एक ही चरण में मतदान कराया जाएगा। इसके लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स, पुलिस आदि की मांग चुनाव आयोग से की गई है। करीब 650 कंपनियों की मांग की गई है। पिछले चुनाव की तरह ही इस बार भी चाक चौबंद इंतजाम कराए जा रहे हैं। सीईओ राजन ने बताया कि 21 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। नामांकन का अंतिम दिन 30 अक्टूबर तय किया गया है। 31 को स्क्रूटनी, दो नवंबर को नाम वापसी का अंतिम दिन और 17 नवंबर को मतदान होगा।
संवेदनशील बूथ बने
प्रदेश में 17 हजार से अधिक संवेदनशील बूथ बनाए गए हैं, जिन्हें कलेक्टर ने वेरीफाई किया। एक लाख 70 हजार से अध्िाक लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई पिछले 4 महीने में की गई है।प्रदेश भर में 2 लाख 45 हजार में से एक लाख 77 हजार हथियार जप्त किए गए हैं। इसके साथ ही 24 करोड़ रुपए नकद, 22 करोड़ रुपए का ड्रग्स और 12 करोड़ रुपए के बहुमूल्य धातु जप्त हुए हैं। प्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्र में फ्लाइंग स्कार्ट और सार्विलांस की तीन-तीन टीमें आज से ही शुरू कर दी गई है।
सरकारी सुविधाएं वापस
आयोग ने सभी मंत्रियों, विधायकों को सरकारी वाहनों व सुविधाओं को वापस करने को कहा है। इसके लिए 24 घंटे का समय दिया गया है। कोई भी मंत्री सरकारी वाहन, हेलीकाप्टर, विमान आदि का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही सरकारी गेस्ट हाउस आदि का उपयोग भी नहीं कर सकेंगे।
सभी जिलों में शुरू हुए कंट्रोल रूम
सभी जिलों में कंट्रोल रूम शुरू किया गया है। इसकी 24 घंटे मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके साथ ही निजी व सरकारी संपत्तियों से संपत्ति विरूपण की कार्रवाई शुरू हो गई। पोस्टर, बैनर हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं। रात को 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बंद रहेगा। सी-विजिल ऐप के जरिए शिकायतें प्राप्त होगी। चुनाव आयोग की दिशा निर्देश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। 80 साल से ज्यादा 40 फ़ीसदी दिव्यांग और चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों अधिकारियों को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी। 12 लाख से अधिक मतदाताओं को पोस्टल वैलेट की सुविधा मिलेगी। नई व्यवस्था के अनुसार मतदान स्थल पर ही कर्मचारियों को वोटिंग की अनुमति रहेगी।