MP News : उत्तर प्रदेश के डोनर ने डब्लूबीसी दे कर बचाई मप्र के बल्ड कैंसर से पीड़ित मरीज की जान
उत्तर प्रदेश के डोनर ने व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) दान कर मप्र के कैंसर पीिड़त मरीज की जान बचाई है। इसके साथ ही एम्स भोपाल में पहली बार ग्रैनुलो साइटफेरेसिस प्रक्रिया की गई है।;
भोपाल। उत्तर प्रदेश के डोनर ने व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) दान कर मप्र के कैंसर पीिड़त मरीज की जान बचाई है। इसके साथ ही एम्स भोपाल में पहली बार ग्रैनुलो साइटफेरेसिस प्रक्रिया की गई है।ऐसा अस्पताल में भर्ती ब्लड कैंसर के एक मरीज के लिए किया गया। डॉक्टरों का कहना है यदि यह प्रक्रिया नहीं करते तो मरीज की जान बचा पाना बेहद मुश्किल था।
मरीज में नष्ट हो गईं थी कोशिकाएं
बल्ड कैंसर से पीड़ीत मरीज में डब्लूबीसी कोशिकाएं नष्ट हो गई थी। साथ ही नई कोशिकाएं बनाने में शरीर सक्षम नहीं था, जिसके कारण मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी। एम्स के डॉक्टरों के अनुसार डब्लूबीसी किसी भी संक्रमण से लड़ने के लिए बेहद जरूरी होता है। ऐसे रोगियों को संक्रमण से लड़ने के लिए तब तक सहायक देखभाल की आवश्यकता होती है जब तक उनका शरीर डब्लूबीसी कोशिकाओं का उत्पादन नहीं कर लेता।
जटिल है यह प्रक्रिया
ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रक्रिया के लिए डब्लूबीसी निकलाने के लिए एक खास मशीन की जरूरत होती है, जो डोनर के ब्लड से डब्लूबीसी अलग कर स्टोर करती है। साथ ही खून के अन्य भाग को वापस शरीर में डाल देती है। इसके बाद डब्लूबीसी को एक खास रेडिएशन में रखा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए सिर्फ 24 घंटे ही होते हैं।
दानकर्ता को भी खिलाई गई दवा
यूपी के दानकर्ता में डब्लूबीसी का स्तर बढ़ाया जा सके, इसके लिए उन्हें खास दवा की खुराक दी गई है। एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति एम्स में डब्लूबीसी दान कर सकता है। इन दाताओं को एक रात पहले दवा की दो खुराक दी जाती है। इसमें लगभग 2 घंटे लगते हैं। यह प्रक्रिया दाता के लिए सुरक्षित और रोगी के लिए जीवन रक्षक है।