MP Political News : भाजपा-कांग्रेस में भितरघात बना खतरा, बागी नेता बिगाड़ सकते हैं चुनावी खेल
टिकट कटने के बाद भोजपुर क्षेत्र के कुछ नेता चिंता में नजर आ रहे हैं। एक भाजपा नेता ऐसे हैं जो भाजपा के प्रत्याशी के विरोध में ही आपत्ति लगाकर भाजपा के विरोध में आ गए हैं।;
औबेदुल्लागंज। टिकट कटने के बाद भोजपुर क्षेत्र के कुछ नेता चिंता में नजर आ रहे हैं। एक भाजपा नेता ऐसे हैं जो भाजपा के प्रत्याशी के विरोध में ही आपत्ति लगाकर भाजपा के विरोध में आ गए हैं।स्थानीय लोगों ने ऐसे मंडीदीप के नेता को निष्कासित करने की मांग की है। वहीं टिकट कटने वाले नेताओं की चर्चा है कि उनके मन में जबरन भावनाओं का गुबार फूट रहा है, अब नेता बनावटी बातें करके अपना तो नुकसान कर ही रहे हैं और भाजपा का भी नुकसान कर रहे हैं।
अपना ठिकाना और कहीं तलाश रहे
ऐसे में टिकट कटने वाले नेता चिंता में हैं कि जो प्रदेश स्तर का पद है वह भी खतरे में है। अब उन्हें चिंता सता रही है कि आगे क्या होगा? आगे कभी टिकट न मिलने का उन्हें अभी से आभास हो रहा है, इसलिए अपना ठिकाना और कहीं तलाश रहे हैं।
कांग्रेस में उठापटक ज्यादा
दूसरी तरफ कांग्रेस में भी उठा पटक ज्यादा है। कांग्रेस ने भी दमदार नेता को प्रत्याशी बनाया है, मगर स्थानीय स्तर पर कई कांग्रेसी नेता असंतुष्ट हैं। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि बाहरी लोगों के आने से स्थानीय कई कांग्रेसी नेता दुखी और परेशान हैं। भोजपुर की उठा पटक कि राजनीति के कारण कांग्रेस ने दमदार विधायक का प्रत्याशी बना है। कांग्रेस प्रत्याशी कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहते, रिश्तेदारों पर भरोसा कर और धन कुबेर से लेकर हर तरीके अपना रहे हैं। बरहाल कांग्रेस के माननीय खुद की दम पर पहचान बनाकर प्रतिद्वंद्वी को गिरने के प्रयास कर रहे हैं।
कार्यकर्ता बोल रहे, ‘भूखे भजन न होय गोपाला’
पक्ष विपक्ष के प्रत्याशी आमने-सामने हैं, इनके अलावा भी कुछ प्रत्याशी मैदान में हैं। बरहाल मतदाता मौन हैं और कार्यकर्ता शोर मचा रहे हैं। कार्यकर्ता कह रहे हैं कि भूखे भजन न होय गोपाला। कांग्रेस प्रत्याशी कंजूस है। 1990 में जब चुनाव लड़े थे तब बहुत खर्च किया था। अब तो भाजपा की तरफ से भी कंजूसाई दिखाई जा रही है। भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में दिलचस्प टक्कर है।
कांग्रेस को असंतुष्टों से बड़ा खतरा
पिछले चुनाव में भाजपा बड़े अंतर से जीती थी एक तरह से देखा जाए तो 1985 से भोजपुर भाजपा का अवैध किला बना हुआ है। ऐसे में कांग्रेस पूरी ताकत से किले को भेदने की तैयारी में है। मगर कांग्रेस को कांग्रेस के असंतुष्टों से बड़ा खतरा है। भाजपा संगठन विधानसभा में संगठित है। वहीं भाजपा कांग्रेस में भितरघात का खतरा भी बना हुआ है।