नरोत्तम ने कहा - एमपी-टीईटी के पेपर का स्क्रीन शॉट कूटरचित, मुख्यमंत्री के ओएसडी पर कीचड़ उछालने की साजिश, जानिए और क्या बोले

मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि एमपी- टीईटी के पेपर को जो स्क्रीनशाट वायरल हुआ है वह असली नहीं कूटरचित है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए मुख्यमंत्री के ओएसडी पर कीचड़ उछालने की कोशिश हुई है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने पार्टी नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए प्रकरण पर आपत्ति जताई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा है कि इस मसले पर पूरी पार्टी संबंधित नेताओं के साथ है।;

Update: 2022-03-28 06:29 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि एमपी- टीईटी के पेपर का जो स्क्रीनशाट वायरल हुआ है वह असली नहीं कूटरचित है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए मुख्यमंत्री के ओएसडी पर कीचड़ उछालने की कोशिश हुई है। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ कांग्रेस ने पार्टी नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए प्रकरण पर आपत्ति जताई है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा है कि इस मसले पर पूरी पार्टी संबंधित नेताओं के साथ है।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ प्रकरण 

एमपी- टीईटी के पेपर का स्क्रीन शॉट वायरल होने के मामले में प्रदेश में बवाल मच गया है। भोपाल के अजाक थाने में कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री और मीडिया प्रभारी केके मिश्रा और व्यापमं के व्हिसिल ब्लोअर डॉ आनंद राय के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय में उपसचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने केस दर्ज कराया है। दोनों के खिलाफ अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। लक्ष्मण सिंह का आरोप है कि दोनों ने सोशल मीडिया के जरिए उनकी छवि धूमिल की है।

समर्थन में उतरी कांग्रेस

इधर पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट कर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि 'मध्यप्रदेश में उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है'। शिक्षा वर्ग 3 का पेपर लीक होता है और एफआईआर दर्ज होती है केके मिश्रा और आनंद राय के खिलाफ।। मुझे सरकार से उम्मीद थी कि जिन्होंने गड़बड़ी कर लाखों युवाओं का भविष्य चौपट किया उन पर एफआईआर होगी, मगर भ्रष्टाचारियों को तो सरकार का संरक्षण है, इसलिए सरकार व्यापम घोटाले के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर एफआईआर करवा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें ना कि आवाज उठाने वालों के खिलाफ। आखिर सबको पता चलना चाहिए लक्ष्मण सिंह कौन है ?

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