मध्यप्रदेश में नक्सली समर्पण नीति: AK-47 व राकेट लांचर के साथ सरेंडर करने पर मिलेंगे साढ़े 4 से 3 लाख

मध्य प्रदेश सरकार ने 26 वर्षों बाद नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास एवं राहत नीति में परिवर्तन कर 22 अगस्त से लागू कर दिया है। इसमें आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की उपयोगिता के आधार पर गोपनीय आरक्षक पद बनाया जा सकता है। हिंसा में मृत्यु पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दे सकेंगे। खास बात है कि एके-47 और राकेट लांचर के साथ समर्पण करने पर साढ़े 4 से 3 लाख रुपए भी सरकारी देगी।;

Update: 2023-08-26 05:33 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने 26 वर्षों बाद नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास एवं राहत नीति में परिवर्तन कर 22 अगस्त से लागू कर दिया है। इसमें आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की उपयोगिता के आधार पर गोपनीय आरक्षक पद बनाया जा सकता है। हिंसा में मृत्यु पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दे सकेंगे। खास बात है कि एके-47 और राकेट लांचर के साथ समर्पण करने पर साढ़े 4 से 3 लाख रुपए भी सरकारी देगी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को अचल संपत्ति खरीदने 20 लाख, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डेढ़ लाख, मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। वहीं, नक्सल हिंसा में नागरिक की मृत्यु होने पर स्वजन को 15 लाख रुपए मिलेंगे।

ऐसे उग्रवादियों पर लागू होगी नीति

यह नीति उन्हीं नक्सलवादियों पर लागू होगी, जिनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं या जो माओवादी, उग्रवाद से संबंधित प्रतिबंधित संगठनों के महत्वपूर्ण पदाधिकारी या कैडर के सदस्य हैं। इन्हें सरकार द्वारा नामांकित अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। साथ ही आत्मसमर्पण करने वाला जिस संगठन के लिए काम कर रहा था, उसके कार्यकर्ताओं की पहचान बताने के साथ अन्य जानकारियां भी देनी होगी।

हथियार के साथ सरेंडर पर मिलेगा अनुदान

हथियार के साथ आत्मसमर्पण करने पर 20 हजार से लेकर साढ़े चार लाख रुपए तक अनुग्रह राशि दी जाएगी। आत्मसमर्पणकर्ता को गृह निर्माण के लिए डेढ़ लाख, विवाह के लिए 50 हजार, तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पांच लाख या घोषित पुरस्कार राशि, जो अधिक हो, मिलेगी। इसमें से पचास हजार रुपए सात दिन के भीतर मिलेंगे। शेष राशि सावधि जमा होगी। संतोषप्रद आचरण होने पर शेष राशि में से प्रतिवर्ष एक लाख रु. मिलेंगे।

जिला स्तरीय समिति करेगी फैसला

पीड़ित परिवार के राहत प्रकरण का निराकरण एक माह में जिला स्तरीय समिति को करना होगा। इसमें, नक्सल हिंसा में पीड़ित परिवार को प्रति मृत व्यक्ति 15 लाख, मृत सुरक्षाकर्मी के स्वजन को 20 लाख (बलिदानी को दी जाने वाली सहायता से अतिरिक्त), शारीरिक अक्षमता पर चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। परिवार के किसी एक सदस्य को तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति, अचल संपत्ति को पूरी तरह क्षति पहुंचने पर डेढ़ लाख और आंशिक क्षति पर 50 हजार रुपए की सहायता दी जाएगी है।

आदेश किए जारी

सुरक्षा कर्मी की मृत्यु पर स्वजन को 20 लाख और शारीरिक अक्षमता पर चार लाख देने का प्रविधान किया है। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने शुक्रवार को 1997 में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए नीति में परिवर्तन कर लागू करने के आदेश जारी किए। आरक्षक पद पर नियुक्ति नक्सल उन्मूलन आॅपरेशन में विशेष सफलता मिलने पर पुलिस महानिरीक्षक की अनुशंसा पर पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन से की जाएगी। सरकार ने तेलंगाना, छत्तीसढ़ की नीति के बाद लागू किया है। 

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