विधानसभा में गिरा विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, मुख्यमंत्री ने दिया ये जवाब
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के बाद ध्वनिमत से गिर गया। इसके साथ विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का लगभग ढाई घंटे तक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में बल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। इसीलिए कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों ने ही पार्टी से अलग होकर सरकार गिरा दी।;
भोपाल। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव चर्चा के बाद ध्वनिमत से गिर गया। इसके साथ विधानसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का लगभग ढाई घंटे तक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में बल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। इसीलिए कांग्रेस के मंत्रियों, विधायकों ने ही पार्टी से अलग होकर सरकार गिरा दी।
विकास किया होता तो मंत्री क्यों छोड़ते साथ
शिवराज ने कहा कि कमलनाथ सरकार में 165 दिन में 450 आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए गए। 15 हजार से ज्यादा तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। एक नहीं, कई मामले हैं। सिंचाई परियोजना में घोटाला किया गया। विधायकों को मिलने के लिए समय नहीं दिया जाता था। विधायकों से कहते थे चलो-चलो...। कोई बड़ा ठेकेदार आ जाए, तो उसे बैठाते थे। मुख्यमंत्री ने कहा, यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोड़कर हमारे साथ न आते।
मुख्यमंत्री ने ये आरोप भी लगाए
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का काम कांग्रेस की सरकार में हुआ था। गुरुजी, शिक्षाकर्मी रखने का काम करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया। हमने उन शिक्षाकर्मी, गुरुजी की सैलरी बढ़ाने का काम किया। हम सीएम राइज स्कूल खोल रहे हैं। किसान कर्जामाफी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ, तो मुख्यमंत्री बदल दूंगा। आपने कर्जमाफी का कचरा कर दिया।उन्होंने कहा कि कभी कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में पहले पैसे नहीं लिए गए। लेकिन, कमलनाथ की सरकार में पैसे लेकर कई अधिकारी बदले गए। तीन-तीन कलेक्टर बदले। बात ये होती थी कि कौन कितने ज्यादा देने वाला है।