अब ट्रेनों में भी यात्रियों को मिल सकेंगा पीने का शुद्ध पानी
कोच में लगाए जाने वाले इस वाटर कूलर में शुध्द व ठंडा पानी यात्रियों को मिल सकेंगा।;
भोपाल। अब ट्रेन में सफर के दौरान यात्रियों को अब शुद्ध पानी की समस्या से नहीं जूझना होगा। अब रेलवे की ओर से ट्रेनों में छोटी साइज का वाटर कूलर लगाने जा रहा है। जिससे यात्रियों को चलती ट्रेन में ही पाने का शुद्ध पानी मिल सकेंगा। रेलवे की ओर से अभी इस तरह का प्रयोग रानी कमलापति स्टेशन पर हाल्ट लेकर निकलने वाली अहमदाबाद -आसनसोल साप्ताहिक एक्सप्रेस व अहमदाबाद -बरौनी एक्सप्रेस ट्रेन के कुछ कोचों में लगाया गया है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आने वाले दिनों में इस तरह के छोटे वाटर कूलर अन्य ट्रेनों के कोचों में भी लगाए जाएंगे। जिससे यात्रियों को सफर के दौरान पाने की पानी की समस्यां का सामना न करने पड़े।
ठंडा व शुध्द रहेंगा पानी
रेलवे के अधिकारी के अनुसार कोच में लगाए जाने वाले इस वाटर कूलर में शुध्द व ठंडा पानी यात्रियों को मिल सकेंगा। उल्लेखनीय है कि अभी तक ट्रेन में पानी के लिए नल तो लगे हुए थे। लेकिन इनका पानी का उपयोग पीने के लिए नहीं किया जाता था। लेकिन अब इस तरह के वाटर कूलर लग जाने से यात्रियों की पीने के पानी की समस्यां दूर हो सकेगी।
हादसों में भी आएगी कमी
कई बार ट्रेन के हाल्ट के दौरान स्टेशन पर पीने के पानी भरने के दौरान यात्री हादसें के शिकार हो चुके है। अब जब ट्रेनों में पीने का शुध्द पानी मिल सकेंगा। इसके कारण इस तरह के हादसों में कमी आ सकेगी। उल्लेखनीय है कि भोपाल स्टेशन पर पीने का पानी भरने के दौरान 10 नवंबर को कमायानी एक्सप्रेस से फैजाबाद से मुंबई जा रहे 54 राम विजय पांडे हादसे का शिकार हो गए थे। जिसमें उनका एक पैर भी कट गया था।
निशातपुरा फैक्टरी में तैयारी एनएमजीएच कोच की हुई तारीफ
दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से आयोजित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में निशातपुरा कोच फैक्टरी में तैयारी किए गए एनएमजीएच (आॅटो मोबाईल कैरियर वाहन )कोच का मॉडल भारतीय रेल के स्टॉल पर प्रदर्शित किया गया। जहां पर इस रैक की काफी तारीफ हुई। मुख्य कारखाना प्रबन्धक परिणय गुप्ता द्वारा बताया गया कि भोपाल कारखाने द्वारा कुल 100 कोच को एनएमजीएच कोच में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखा गया है जिसे आगामी चार माह में पूर्ण किया जाएगा। यांत्रिक इंजीनियर एन विश्वलाल ने बताया कि पुराने आईसीएफ कोच जो 20 वर्ष पूर्ण कर चुके हो एवं यात्री सेवा से अलग हो चुके है। उन्हें एनएमजीएच कोच मोडीफिकेशन किया है।