अब टीटीई व स्टेशन मास्टर बनेंगे कर्मयोगी,बेहतर सुविधा देने पर रहेंगा जोर

रेलवे ने यात्रियों, व्यापारियों व जनता से सीधे जुड़ होने वाले छह पद पर काम करने वाले कर्मचारियों को कर्मयोगी घोषित किया है।;

Update: 2022-04-04 14:08 GMT

भोपाल। अब रेलवे के ट्रेन टिकट निरीक्षक (टीटीई), स्टेशन मास्टर समेत छह पद पर कार्यरत कर्मचारी को कर्मयोगी बनाया जाएगा। यात्रियों की सभी समस्याओं का समाधान करेंगे। साथ ही मांगी जाने वाली सूचना भी उपलब्ध कराएंगे। रेल मंत्रालय के निर्देश पर भोपाल रेल मंडल ने इस योजान पर काम शुरू करते हुए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।

भोपाल रेल मंडल के पीआरओ सुबेदार सिंह ने बताया कि अभी तक टीटीई, स्टेशन मास्टर को अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी (फ्रंटलाइन वर्कर) का दर्जा दे रखा है। क्योंकि ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों का सीधा संपर्क टीटीई से होता है, इसलिए टीटीई से मदद की मांग करता है। टीटीई द्वारा सुनवाई नहीं होने पर ट्रेन रुकने पर स्टेशन मास्टर या स्टेशन अधीक्षक के पास पहुंच कर मदद की मांग करता है या शिकायत करता है। रेल प्रशासन ने दोनों को काफी सशक्त बनाया है। टीटीई की सूचना पर ट्रेन में बीमार यात्रियों के लिए इलाज के लिए चिकित्सक पहुंच जाते हैं, कोच में पानी उपलब्ध कराने जैसा कार्य भी होता है।

प्रधानमंत्री ने दिया है कर्मयोगी का नाम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल अपने संबोधन में कहा था कि सरकारी सेवा से जुड़े हर कर्मचारी को कर्मयोगी होना चाहिए। इसी मिशन को रेलवे ने आगे बढ़ाते हुए, अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। रेलवे ने यात्रियों, व्यापारियों व जनता से सीधे जुड़ होने वाले छह पद पर काम करने वाले कर्मचारियों को कर्मयोगी घोषित किया है। जिसमें टीटीई, स्टेशन मास्टर, बुकिंग क्लर्क, रिजर्वेशन क्लर्क, पार्सल क्लर्क, गुड्स क्लर्क को शामिल किया है। क्योंकि रेलवे के उपभोक्ता का सीधे उन्हीं कर्मचारियों से संपर्क होता है।

अच्छे व्यवहार के साथ यात्रियों की मदद

भोपाल रेल मंडल के डीआरएम सौरभ बंदोपाध्याय ने बताया कि प्रशिक्षण में रेल कर्मचारियों को इस बात पर जोर देने को कहा जाता है कि वे यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार करें। कई बार स्टेशनों पर अशिक्षित और दिव्यांग यात्री आते-जाते हैं। सीनियर सिटीजन भी होते हैं। उनकी कैसे मदद की जा सकती है। रेलकर्मी इस पर निर्णय ले। यदि कोई यात्री प्लेटफार्म तक नहीं जा पा रहा है। तो उसे पहुंचाने में मदद करेें। मंडल की ओर से इन कर्मचारियों को पूरी तरह से कर्मयोगी बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें इन कर्मचारियों को अधिक क्रिएटिव, इमैजिनेटिव, एक्टिव, प्रोफेशनल, प्रोग्रेसिव, एनर्जेटिक और पाजिटिव बनाया जा रहा है। जिससे कर्मयोगी पूरी तरह से रेलवे यात्रियों को संतुष्ट कर सकेंगे।

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