Mp News: इलाज के लिए सरकरी अस्पताल में लाइन लगाने की झंझट होगी खत्म, जानें क्या है प्रशासन की नई योजना

सरकरी अस्पताल में लाइन लगाने की झंझट जल्द होगी खत्म क्योकि सरकार द्वारा क्‍यूआर कोड सिस्टम शुरू किया गया है। जहां पर मरीज को अपना पंजीयत नंबर से क्‍यूआर कोड स्कैन करना होगा। जिसके बाद मरीज की सारी जानकारी काउंटर में खड़े वर्कर और डॉक्टर को आसानी से मिल जाएगी।;

Update: 2023-07-11 13:35 GMT

भोपाल : सरकारी अस्‍पतालों में इलाज के लिए ओपीडी रजिस्‍ट्रेशन करना एक बहुत बड़ा काम है। भारी भीड़ के कारण पर्ची कटवाने के लिए लाइन में बहुत समय तक खड़ा रहना पड़ता है। कई बार तो घंटों लाइन में लगने के बाद भी मरीज ओपीडी पर्ची नहीं बनवा पाता है। लेकिन, अब मरीज और उनके परिजनों को इस समस्‍या से छुटकारा मिलने वाला है। सरकार ने इस समस्या को देखते हुए क्‍यूआर कोड सिस्टम शुरू किया गया है। जहां पर मरीज को अपना पंजीयत नंबर से क्‍यूआर कोड स्कैन करना होगा। जिसके बाद मरीज की सारी जानकारी काउंटर में खड़े वर्कर और डॉक्टर को आसानी से मिल जाएगी।

जानें क्या मिलेगा फायदा

इस सुविधा का लाभ उन्हें ही मिलेगा जिनके पास आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट बना हुआ है। उन्हें अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से अस्पताल में लगा क्यूआर कोड स्कैन करते ही संबंधित अस्पताल के पंजीयन काउंटर पर उसका नाम, पता सहित अन्य जानकारी पहुंच जाएगी। जिन रोगियों का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट नहीं बना है उन्हें ये सुविधा है मिलेगी। आभा कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि रोगी की पूरी डिजिटल जांच रिपोर्ट उसकी आभा आइडी के साथ संबद्ध कर दी जाएगी, जिसे वह कभी भी उपयोग कर सकेगा। रोगी दूसरे अस्पताल रेफर किया जाता है तो उसका डिजिटल रिकार्ड आसानी से भेजा जा सकेगा। जिससे मरीजों का पर्चा घूम होने पर परेशान नहीं होना पड़ेगा।

सुविधा भोपाल के जेपी अस्पताल में जल्द होगा शुरू

इस सुविधा के शुरू होने से न सिर्फ लाइन लगाने की झंझट से छुटकारा मिलेगा। बल्कि लोगों का समय भी बचेगा। डिजिटलीकरण होने से रोगी को काउंटर पर अपनी पंजीयन आइडी बताने पर पर्चा मिल जाएगा। इसकी शुरुआत भोपाल के जेपी अस्पताल से होने जा रही है। अच्छी बात यह है कि आभा कार्ड बनाने के मामले में आंध्र प्रदेश के बाद मप्र दूसरे नंबर पर है, तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और चौथे पर गुजरात है। प्रदेश में चार करोड़ एक लाख लोगों का आभा कार्ड बन चुका है।

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