आरपीएफ का ऑपरेशन मातृशक्ति अभियान बन रहा मददगार, पमरे जोन की ट्रेनों व स्टेशन में 378 सफल प्रसव कराए

Update: 2023-04-30 13:38 GMT

भोपाल। पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडलों के रेलवे सुरक्षा बल का आॅपरेशन मातृशक्ति अभियान कई लोगों के लिए मददगार साबित हुआ। सालभर में 378 प्रसूताओं को इससे सहायता मिली। रेलवे परिसर में 220 व ट्रेनों में 158 प्रसूताओं की इससे मदद मिल सकी। इसमें जहां भोपाल रेल मंडल में 7 महिलाओं का प्रसव कराया गया। उन्हें मेडिकल सुविधा दी गई। तो वहीं रेलवे संपत्ति की चोरी व यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ आरपीएफ ने प्लेटफार्म, रेलवे ट्रैक और ट्रेनों में 873 पुरुष और 543 महिला यात्रियों की जान बचाई। 604 लोगों को तस्करों से छुड़ाया व 207 तस्करों को गिरफ्तार भी किया। भोपाल,जबलपुर व कोटा मंडल की आरपीएफ चौकियों पर भी अब महिला कांस्टेबल तैनात रहती हैं। ये ट्रेनों में यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा व एक सहेली की तरह मदद करती हैं। भोपाल रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट ने पूरे साल में 213 से अधिक घर से भागे या भटके बच्चों की मदद की। तो वहीं एक दर्जन यात्रियों की चलती ट्रेन से गिरने के दौरान जान बचाई। आरपीएफ की महिला कांस्टेबल ने दो प्रसूताओं की मदद की। दरअसल रेलवे की ओर से हालही में एक रिपोर्ट जारी की गई है। जिसमें चलती ट्रेन व स्टेशनों पर प्रसूताओं व बच्चों की मदद के लिए आरपीएफ की टीम की ओर से कैसा काम किया जा रहा है। जिसमें देशभर के विभिन्न जोन में पश्चिम मध्य रेलवे जोन की आरपीएफ टीम की ओर से अच्छा काम कर अधिक से अधिक प्रसूताओं की मदद की गई।

अकेली महिला यात्रियों के लिए मेरी सहेली योजना कारगर

ट्रेनों में अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा व सहायता के लिहाज से रेलवे सुरक्षा बल ने मेरी सहेली योजना लागू कर रखी है। भोपाल रेल मंडल से गुजरने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों में सवार महिलाओं से बड़े स्टेशनों पर कांस्टेबल फीडबैक लेती हैं। इस दौरान वह महिला यात्रियों से पूछती हैं कि यात्रा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी तो नहीं हुई? यदि महिला यात्री समस्या बताती है तो उसके निराकरण के प्रयास किए जाते हैं। भोपाल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों में मदद और सुरक्षा के लिए दो विशेष दल 24 घंटे मुस्तैद रहते है। यह टीम बीना, भोपाल, इटारसी और खंडवा के बीच चल रही है। जिसमें एक सब इंस्पेक्टर, दो महिला कांस्टेबल और दो पुरुष कांस्टेबल रहते है। 

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