राष्ट्रपति कोविद ने कहा-आयुर्वेद और योग को किसी मजहब से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण, राज्यपाल-मुख्यमंत्री ने भी खान-पान को लेकर कही यह बात

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 'एक देश-एक स्वास्थ्य' पर आयोजित आरोग्य मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि आयुर्वेद और योग को किसी भी मजहब से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ये दोनों स्वस्थ रहने के लिए जरूरी हैं और हर डाक्टर लोगों को घूमने, योगा करने जैसी सलाह देता है। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। इस मसले पर उन्होंने अपनी बात रखी।;

Update: 2022-05-28 07:32 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 'एक देश-एक स्वास्थ्य' पर आयोजित आरोग्य मंथन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने कहा कि आयुर्वेद और योग को किसी भी मजहब से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ये दोनों स्वस्थ रहने के लिए जरूरी हैं और हर डाक्टर लोगों को घूमने, योगा करने जैसी सलाह देता है। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। इस मसले पर उन्होंने अपनी बात रखी। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति राजभवन के लिए वापस रवाना हुए। वह यहां विश्राम और भोजन करेंगे। शाम को फिर मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में कार्यक्रम में शामिल होंगे।

भ्रांतियों से लड़ने की जरूरत

राष्ट्रपति कोविद ने कहा कि किसी डॉक्टर के पास, दो मजहब के लोग जाएं। डॉक्टर कहे कि आप सुबह पांच बजे उठिए। मॉर्निंग वॉक करिए। योगासन कीजिए। डॉक्टर के कहने पर दोनों यह सब करेंगे। इसके लिए कोई मजहब का बहाना नहीं लेगा, क्योंकि उसे अपने स्वास्थ्य की चिंता है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एवं योगा को लेकर समाज में भ्रांतियां फैलाई जाती हैं, इनसे लड़ने और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

मजबूत राष्ट्र के लिए खुशहाली जरूरी

मप्र के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि किसी भी मजबूत राष्ट्र के लिए खुशहाली जरूरी है और इसके लिए स्वस्थ रहना पहली जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहले लोग सात्विक-पौष्टिक आहार लेते थे और श्रम भी करते थे, इस वजह से स्वस्थ रहते थे। लेकिन अब इसका स्थान पिज्जा, बर्गर और कोल्ड ड्रिंक ने ले रखा है।

आंत और दांत शाकाहार के लिए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं किसी पर अपनी बात थोप नहीं रहा लेकिन आंत-दांत देख लो, मुझे लगता है कि ये शाकाहार के लिए ही बने हैं। उन्होंने कहा कि मेरा व्यक्तिगत विचार है। हम जैसा खाते हैं, वैसा बनते हैं। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि मैं मुख्यमंत्री के नाते क्या खाएं और क्या न खाएं की सलाह दे रहा हूं, हां मैं अपनी राय जाहिर कर रहा हूं। 

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