मध्यप्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों का विरोध शुरू, इन जिलों में मचा हंगामा

मध्यप्रदेश बीजेपी में प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही पार्टी में विरोध के सुर उठने गले है। सूची जारी करने के बाद से ही जगह-जगह पर घोषित प्रत्यासियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। वहीं कुछ सीटों पर दावेदार टिकट बदलने की मांग भी कर रहे हैं।;

Update: 2023-08-23 04:50 GMT

MP Politics : मध्यप्रदेश बीजेपी में प्रत्याशियों की सूची जारी होते ही पार्टी में विरोध के सुर उठने गले है। सूची जारी करने के बाद से ही जगह-जगह पर घोषित प्रत्यासियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। वहीं कुछ सीटों पर दावेदार टिकट बदलने की मांग भी कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। सूत्री जारी होते ही छतरपुर सीट से पूर्व मंत्री ललिता यादव के खिलाफ यात्रा निकली गयी, तो वहीं चाचौड़ा सीट पर प्रियंका मीणा का विरोध हुआ। चित्रकूट विधानसभा सीट से सुरेन्द्र सिंह गहरवार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किय गया और झाबुआ में भानू भूरिया को टिकट दिए जाने पर 1000 कार्यकर्ताओ ने बाइक रैली निकाली और टिकट बदलने की मांग की है।

झाबुआ में भानु भूरिया का विरोध

झाबुआ विधानसभा क्रमांक 193 से भाजपा उम्मीदवार का नाम तय होने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी के विरोध में रैली निकाली। भाजपा में अंतर कलह की स्थिति को देख वर्तमान झाबुआ भाजपा जिलाध्यक्ष और भाजपा विधानसभा प्रत्याशी भानु भूरिया ने अपना पक्षा रखते हुए कहा कि ये हमारे ही परिवार के लोग हैं। यह हमारे आपस में परिवार का मामला है, बैठ कर इसे सुलझाया जाएगा। भानू भूरिया ने कहा कि करीब 10 लोग विधानसभा टिकट की दावेदारी कर रहे थे, उनमें से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मुझे चयनित किया। परिवारवाद का सवाल पैदा नहीं होता। मेरी धर्मपत्नी जनपद अध्यक्ष है, उन्हें जनपद सदस्यों ने अध्यक्ष के रूप में चयनित किया है, मुझे भी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने चयन किया है। इसमें परिवारवाद की कोई बात नहीं, हम आपस में बैठकर इस मुद्दे को सुलझा लेंगे।

वही धार जिले के कुक्षी विधानसभा में भाजपा नेताओं ने स्थानीय उम्मीदवार की मांग को लेकर भोपाल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को ज्ञापन देकर स्थानीय उम्मीदवार की मांग की है। भोपाल पहुंचे भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने घोषित प्रत्याशी को बाहरी प्रत्याशी बताया है।

एक तरफ जहां सत्ताधारी बीजेपी सरकार बनाने का ख्वाब बुनकर कार्यकर्ताओं को मोटिवेट करने में लगी है तो वहीं दूसरी तरफ टिकट न मिलने पर पार्टी के सदस्य व टिकट दावेदार विरोध कर रहे। ऐसे में देखना दिल्चस्प होगा कि पार्टी इन सभी चुनौतियों का सामना कैसे करती है।

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