BHOPAL NEWS: रद्द हो सकती है गांधी मेडिकल कॉलेज की मान्यता, एनएमसी ने दिया नोटिस

एनएमसी प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी और स्टाफ की बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर जोर दे रही है। इसके चलते करीब दो साल पहले सभी मेडिकल कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीन इंस्टॉल की गई थीं। इसकी मॉनिटरिंग भी एनएमसी द्वारा की जा रही थी।;

Update: 2023-11-23 04:15 GMT

BHOPAL NEWS: भोपाल।  ]प्रदेश के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द हो सकती है। नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने जीएमसी को नोटिस जारी कर कॉलेज की मान्यता खत्म करने की बात कही है। यह सब कॉलेज स्टाफ की लापरवाही के चलते हो रहा है।

दरअसल, एनएमसी प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी और स्टाफ की बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर जोर दे रही है। इसके चलते करीब दो साल पहले सभी मेडिकल कॉलेजों में बायोमेट्रिक मशीन इंस्टॉल की गई थीं। इसकी मॉनिटरिंग भी एनएमसी द्वारा की जा रही थी। तमाम कोशिशों के बावजूद जीएमसी में बायोमेट्रिक थंब इंप्रेशन नहीं लग रहे थे। एनएमसी ने इसको लेकर रिमाइंडर भी भेजे लेकिन व्यवस्था सुधार न होने पर अब कॉलेज को नोटिस जारी किया गया है। मालूम हो कि डॉक्टर और स्टाफ की लेटलतीफी पर रोक लगाने के लिए टीचिंग स्टाफ की बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य कर दी थी। इसकी शुरूआत गांधी मेडिकल कॉलेज से की गई थी। यहां कॉलेज के साथ ही हमीदिया अस्पताल, कमला नेहरू, सुल्तानिया अस्पताल के साथ-साथ ऑपरेशन थिएटर में भी बायोमेट्रिक मशीनें लगवाई गई थीं।

हमीदिया अस्पताल में अक्सर डॉक्टर लेट पहुंचते हैं, इसको लेकर कई बार शिकायतें भी हो चुकी हैं। मरीज ओपीडी में इंतजार करते रहते हैं। हालांकि डॉक्टर इसके पीछे काम की अधिकता ही बताते हैं। उनका कहना है कि डॉक्टरी तीन से पांच तक का जॉब नहीं है। सुबह भर्ती मरीजों का राउंड लेने, इमरजेंसी के चलते देर होती है। इस काम को छोड़ नहीं सकते

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