Rani Kamlapati railway station : 450 करोड़ की लागत से पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन बना तालाब , खुली दावों की पोल
भारत सरकार और रेलवे का महत्वकांशी प्रोजेक्ट ही जलमग्न हो जाए तो तब सरकार के दावों की पोल खुलना स्वभाविक है । ऐसा ही सामने आया रानी कमलापति रेलवे स्टेशन में जो कि घंटे भर की बरसात में ही तालाब में परिवर्तित हो गया ।;
भोपाल । राजधानी भोपाल ( bhopal news ) में आजकल वर्षा की दौर चल रहा है । जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त है कई जगह शहर में जलभराव हो रहा है । लेकिन जब भारत सरकार और रेलवे का महत्वकांशी प्रोजेक्ट ही जलमग्न हो जाए तो तब सरकार के दावों की पोल खुलना स्वभाविक है । ऐसा ही मामला सामने आया है रानी कमलापति रेलवे स्टेशन ( Rani Kamlapati railway station) में जो कि घंटे भर की बरसात में ही तालाब में परिवर्तित हो गया ।
आप को बता दे कि यह रेलवे स्टेशन को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में पुनर्विकसित किया गया था जिसमें कुल लागत 450 करोड़ से ज्यादा आई थी लेकिन राजधानी में कुछ घंटे की बारिश में ही इस वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन की पोल खुल गई और यह झरना बन गया । इसके डोम से पानी गिरने लगा जिससे यात्री बेहद परेशान दिखे और सरकार के दावों की फजीहत हो गई ।
इससे परेशान होकर यात्रियों ने रेलवे से भी शिकायत की और फिर आनन- फानन में निजी कंपनी का प्रबंध पानी निकालने में जुटा दिखा । लेकिन इससे रेलवे स्टेशन के निर्माण प्रोजेक्ट को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए है । सवाल यह भी उठ रहा है कि सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में पुनर्विकसित किया गया यह स्टेशन सही मापदंडो से निर्मित नही हुआ है या कोई बड़े घोटाले की आशंका है ।