आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए नियम अब और सख्त, एनसीआईएसएम ने तय की यह गाइडलाइन
भारतीय चिकित्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग नईदिल्ली ( एनसीआईएसएम) नये आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर अब और सख्त हो गया है। उसके द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश समेत देशभर में अब वही आयुर्वेद कॉलेज खुल सकेंगे, जो मैनेजमेंट संस्थान विगत दो वर्ष क्रमश: 2019-20 व 2020-21 का हॉस्पिटल में मरीजों का आईपीडी, ओपीडी, इमर्जेंसी डाटा के साथ-साथ वहां काम कर रहे टीचिंग, नॉनटीचिंग व हॉस्पिटल स्टॉफ की जानकारी व भुगतान की गई अकाउण्ट सैलरी का टाटा दे सकेंगे।;
भोपाल। भारतीय चिकित्सा पद्दति राष्ट्रीय आयोग नईदिल्ली ( एनसीआईएसएम) नये आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर अब और सख्त हो गया है। उसके द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश समेत देशभर में अब वही आयुर्वेद कॉलेज खुल सकेंगे, जो मैनेजमेंट संस्थान विगत दो वर्ष क्रमश: 2019-20 व 2020-21 का हॉस्पिटल में मरीजों का आईपीडी, ओपीडी, इमर्जेंसी डाटा के साथ-साथ वहां काम कर रहे टीचिंग, नॉनटीचिंग व हॉस्पिटल स्टॉफ की जानकारी व भुगतान की गई अकाउण्ट सैलरी का टाटा दे सकेंगे।
तो नहीं मिलेगी नए कालेज खोलने की अनुमति
एनसीआईएसएम का कहना है कि पुख्ता - प्रमाणित जानकारी के अभाव में नवीन कॉलेजों को खोलने की अनुमति नही जावेगी और एनसीआईएसएम की रिपोर्ट पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डिनाइल पर्मीशन पत्र जारी कर दिया जावेगा। आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ राकेश पाण्डेय ने चर्चा में बताया कि प्रदेश में 31 आयुर्वेद कॉलेज समेत देशभर में 453 आयुर्वेद कॉलेज संचालित हैं! 2022-23 में राजधानी भोपाल समेत प्रदेश में पांच नवीन आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज खुल सकते हैं! प्रदेश में फिलहाल 31 आयुर्वेद कॉलेजों में स्नातक बीएएमएस की कुल 2210 सीटें हैं, जिसमें 500 सीटों का इजाफा हो सकता है! निश्चित रूप से कोरोना के बाद आयुर्वेद का राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित रूप में विस्तार हुआ है!