बुजुर्ग की शिकायत पर एसडीएम ने किरायेदार से खाली कराया मकान
एसडीएम एमपी नगर राजेश गुप्ता की कोर्ट में भरण पोषण के तहत आए एक मामले में बुजुर्ग ने किराएदार को लेकर बताया कि वह न तो किराया दे रहा है और न ही घर खाली कर रहा है। एक महिला और घर में रहती है जिसके बारे में पूछने पर वह अभद्रता करता है।;
तहसीलदार ने किया आदेश का पालन
भोपाल। एसडीएम एमपी नगर राजेश गुप्ता की कोर्ट में भरण पोषण के तहत आए एक मामले में बुजुर्ग ने किराएदार को लेकर बताया कि वह न तो किराया दे रहा है और न ही घर खाली कर रहा है। एक महिला और घर में रहती है जिसके बारे में पूछने पर वह अभद्रता करता है। इस बात से परेशान रॉयल रेजीडेंसी निवासी बुजुर्ग ने एसडीएम के यहां आवेदन किया। कई माह चली पेशी और सुनवाई के बीच राजस्थान सरकार और एक केस का हवाला देते हुए दलीलें दी गईं। बाद में एसडीएम ने उस केस को आधार बनाते हुए भरण पोषण एक्ट के तहत घर खाली कराने का आदेश पारित कर दिया। इसमें एक लाख पांच हजार रुपए किराया जमा करने का आदेश भी दिया। एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार आलोक पारे ने मकान खाली करा दिया है।
कल्याण सिंह रघुवंशी पिता पदम सिंह रघुवंशी निवासी रॉयल रेजीडेंसी, शाहपुरा थाने के पास ने एसडीएम एमपी नगर के यहां आवेदन करते हुए बताया कि उन्होंने आशुतोष पुरोहित को अपने घर का एक पोर्शन किराए पर दिया था। ताकि उससे होने वाली आय से उनका खर्च चलता रहे। लेकिन आशुतोष ने न तो किराया दिया और घर पर कब्जा करने की नीयत से वह बुजुर्ग को परेशान करने लगा। इस मामले को लेकर कल्याण सिंह ने एसडीएम कोर्ट में किरायानामा लगाकर आवेदन कर दिया। 11 मई 2022 को आवेदक को कोर्ट में सुनवाई के लिए बुलाया गया। एमपी नगर एसडीएम राजेश गुप्ता ने बताया कि भरण पोषण के तहत किरएदार से प्रॉपर्टी खाली कराई जा सकती है। एक्ट में दान की हुई प्रॉपर्टी को वापस लेने का प्रावधान है। लेकिन बुजुर्ग जीवित रहें। ये एक्ट काफी प्रभावी है।